
छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 06 फरवरी 2025। संसद के दोनों सदनों राज्यसभा और लोकसभा में गुरुवार को जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष ने अमेरिका से प्रवासी भारतीयों को निर्वासित किए जाने और प्रयागराज महाकुंभ हादसे में लोगों की मौत सहित विभिन्न मुद्दों पर जमकर हंगामा किया। इस वजह से दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही देर बाद स्थगित कर दी गई। लोकसभा अध्यक्ष ने विपक्षी सांसदों से नारेबाजी बंद करने और सदन चलने देने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘नियोजित तरीके से सदन में व्यवधान पैदा करना संसदीय परंपराओं के अनुरूप नहीं है। सुबह उच्च सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सभापति जगदीप धनखड़ ने पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा को सदन की ओर से जन्मदिन की बधाई दी और फिर इसके बाद आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। थोड़ी ही देर बाद आसन पर आए उपसभापति हरिवंश ने बताया कि उन्हें प्रवासी भारतीयों को अमेरिका से निर्वासित किए जाने, महाकुंभ में कथित कुप्रबंधन सहित अन्य मुद्दों पर कुल 13 नोटिस मिले हैं। उन्होंने सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए। इसके बाद कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, वाम दलों आदि के सदस्यों ने जोरदार हंगामा किया।
उपसाभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपने-अपने स्थान पर बैठने और शून्यकाल सुचारू रूप से चलने देने का अनुरोध किया। हंगामा जारी रहता देख उन्होंने 11 बजकर पांच मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। अमेरिका से अवैध भारतीय प्रवासियों को वापस भेजे जाने के मुद्दे पर विपक्षी दलों ने लोकसभा में भी हंगाम किया। जोरदार नारेबाजी के कारण सदन की कार्यवाही शुरू होने के करीब 10 मिनट बाद ही स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर विपक्षी सदस्यों ने इस विषय को उठाने का प्रयास किया, लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि वह 12 बजे विपक्षी सदस्यों के कार्यस्थगन के नोटिस पर विचार करेंगे। कई विपक्षी सदस्यों ने इस विषय पर चर्चा की मांग करते हुए कार्यस्थगन के नोटिस दिए थे।
बिरला ने विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच प्रश्नकाल शुरू कराया। नारेबाजी के बीच नागर विमानन मंत्रालय से संबंधित कुछ पूरक प्रश्न पूछे गए। लोकसभा अध्यक्ष ने विपक्षी सदस्यों से नारेबाजी बंद करने और सदन चलने देने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘नियोजित तरीके से सदन में व्यवधान पैदा करना संसदीय परंपराओं के अनुरूप नहीं है। बिरला ने यह भी कहा, ‘आपके सारे विषय सरकार ने संज्ञान में लिए हैं। यह विदेश नीति का मामला है। उनकी अपनी नीतियां होती हैं। इस पर सरकार गंभीर है। आपसे आग्रह है कि सदन चलने दें। आप लोग हर रोज प्रश्नकाल में गतिरोध पैदा करके भारतीय मतदाताओं का अपमान कर रहे हैं।’