छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 05 जनवरी 2025। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को भाजपा और कांग्रेस में अंतर बताया। राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस निष्पक्ष रहने वालों में से है। जबकि भाजपा की सोच आक्रामक है। इसके साथ ही कांग्रेस नेता ने शिक्षा पर अधिक खर्च करने और सार्वजनिक संस्थानों को मजबूत करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंनें कहा कि निजीकरण और वित्तीय प्रोत्साहनों के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हासिल नहीं की जा सकती है। राहुल गांधी ने आईआईटी मद्रास के छात्रों के साथ बातचीत की। इस दौरान लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कई मुद्दों पर बात की, जिसमें शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए वे जो बदलाव करना चाहते हैं, वह भी शामिल हैं। उन्होंने छात्रों के साथ अपनी बातचीत का एक संपादित वीडियो एक्स पर साझा किया, जिसमें उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि अपने लोगों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की गारंटी देना किसी भी सरकार की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। इसे निजीकरण और वित्तीय प्रोत्साहनों के जरिए हासिल नहीं किया जा सकता। हमें शिक्षा और सरकारी संस्थानों को मजबूत करने पर बहुत अधिक पैसा खर्च करने की जरूरत है।’
भारत में सफलता को फिर से परिभाषित करने पर की चर्चा
राहुल गांधी ने अपने व्हाट्सएप चैनल पर बताया कि उन्होंने ‘भारत में सफलता को फिर से परिभाषित करने’ पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि हमारी बातचीत छात्रों को पारंपरिक करियर से परे रास्ते तलाशने के लिए सशक्त बनाने, उन्हें नवाचार को अपनाने और अपने जुनून को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने पर केंद्रित थी।
कांग्रेस-भाजपा के काम करने के तरीके के बारे में बताया
जब छात्रों ने कांग्रेस और भाजपा के काम करने के तरीके के बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस संसाधनों को अधिक निष्पक्षता से वितरित करने में विश्वास करती है, जबकि भाजपा अधिक आक्रामक दृष्टिकोण अपनाती है। उन्होंने कहा कि वे आर्थिक दृष्टि से ‘ट्रिपल-डाउन’ में विश्वास करते हैं। सामाजिक मोर्चे पर, हमें लगता है कि समाज जितना अधिक सामंजस्यपूर्ण होगा, लोग जितने कम लड़ेंगे, देश के लिए उतना ही बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों के मोर्चे पर, हम जिस तरह से अनेक देशों से संबंध रखते हैं, उसके संबंधों में शायद कुछ मतभेद हैं, लेकिन यह समान होगा।
देश में सबसे अच्छे संस्थान सरकारी
राहुल ने कहा, ‘हमें अपने लोगों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की गारंटी देने की जरूरत है। निजीकरण इसका समाधान नहीं है।’ उन्होंने आईआईटी मद्रास के छात्रों को बताया कि देश में सबसे अच्छे संस्थान सरकारी हैं।
देश की शिक्षा प्रणाली में गंभीर समस्याएं
उन्होंने यह भी कहा कि देश की शिक्षा प्रणाली में गंभीर समस्याएं हैं और यह बच्चों की कल्पना को पनपने नहीं देती। उन्होंने कहा कि हमारी शिक्षा प्रणाली सफलता को केवल कुछ पेशों में सीमित करती है, जैसे कि इंजीनियर या डॉक्टर बनना। उन्होंने कहा कि सिस्टम को बच्चों को वह करने देना चाहिए जो वे करना चाहते हैं और उन्हें कई चीजें अनुभव करने और करने की अनुमति देनी चाहिए।
भौतिक उत्पादन के क्षेत्र में आगे बढ़ने का समर्थन किया
अंतरराष्ट्रीय संबंधों के संदर्भ में, उन्होंने कहा कि भारत को चीन और अमेरिका के बीच संतुलन बनाए रखने की जरूरत है। राहुल गांधी ने बच्चों को नवाचार के लिए प्रेरित करने की बात करते हुए कहा कि इसके लिए उनके कौशल का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मैं भौतिक उत्पादन के क्षेत्र में आगे बढ़ने का समर्थन करता हूँ। असली नवाचार वहीं से आता है।’