छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 22 दिसंबर 2023। लोेकसभा के बाद अब राज्यसभा से भी सरकार द्वारा पेश किया गया तीनों आपराधिक कानून पास हो गया है। विधेयक के कानून बनने में सिर्फ राष्ट्रपति के हस्ताक्षर बाकी है। इस बीच पूर्व गृहमंत्री और कांग्रेस नेता विधेयक और सरकार के खिलाफ हमलावर हो गए। उन्होंने आरोप लगाया कि ब्रिटिश काल के कानूनों को बदलने और उसे फिर से तैयार करने का अवसर बर्बाद हो गया है। कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने एक्स पर कहा कि क्या सरकार ने वाकई ब्रिटिश कालीन आपराधिक कानूनों को हटा दिया है। आईपीसी का 90-95%, सीआरपीसी का 95% और साक्ष्य अधिनियम का 99% सिर्फ कट-कॉपी और पेस्ट किया गया है। क्या इस तथ्य को कोई इनकार कर सकता है। क्या इस मुद्दे पर कोई बहस कर सकता है। चिदंबरम का दावा है कि सरकार ने वास्तव में मैकाले और फिट्ज स्टीफन को अमर कर दिया है। ब्रिटिश कालीन कानूनों को बदलने और उसे दोबारा बनाने का अवसर खत्म हो गया। सरकार ने यह अवसर बर्बाद कर दिया। चिदंबरम ने कहा कि देशद्रोह, व्याभिचार सहित अन्य अपराधों को समिति की सुझावों के बाद भी खारिज कर दिया गया। सदन के विपक्षी नेताओं को निलंबित कर दिया गया और विधेयक पास करा लिया गय। यह तो ऐसा ही हुआ कि विपक्षी टीम को बल्लेबाजी का मौका न देकर जीत दर्ज कर लिया।
यह पूरी तरह से भारतीय होगा
सदन में चर्चा का जवाब देते हुए शाह ने गुरुवार को कहा कि तीन आपराधिक कानूनों के स्थानों पर लाए गए विधेयकों के संसद से पारित ने के बाद भारत के आपराधिक न्याय प्रक्रिया में एक नई शुरुआत होगी। यह पूरी तरह से भारतीय होगा। इनका मकसद पहले के कानूनों की तरह सिर्फ दंड देना नहीं, बल्कि न्याय मुहैया कराने का है।
इसमें न्याय के भारतीय दर्शन को स्थान दिया गया
उन्होंने कहा कि इस नए कानून को ध्यान से पढ़ने पर पता चलेगा कि इसमें न्याय के भारतीय दर्शन को स्थान दिया गया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने भी राजनीतिक न्याय, आर्थिक न्याय और सामाजिक न्याय को बरकरार रखने की गारंटी दी है। संविधान की यह गारंटी 140 करोड़ के देश को यह तीनों विधेयक देते हैं। पहली बार भारत द्वारा, भारत के लिए और भारतीय संसद से बनाए गए कानून से हमारी आपराधिक न्याय प्रक्रिया चलेगी।