छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 13 दिसंबर 2020। उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, स्पीकर ओम बिरला के साथ कई मंत्रियों और विपक्षी नेताओं ने रविवार को संसद हमले में शहीद हुए जवानों को याद किया। संसद भवन परिसर में हुए कार्यक्रम में सभी ने शहीदों की तस्वीरों पर फूल चढ़ाए।
इस दौरान राज्यसभा के डिप्टी चेयरपर्सन हरिवंश, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस के राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद, राजीव शुक्ला और समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव भी मौजूद रहे।
इससे पहले, राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि देश उन बहादुर शहीदों को याद करता है जिन्होंने 2001 में संसद का बचाव करते हुए खुद को न्योछावर कर दिया था। उन्होंने कहा कि शहीदों के बलिदान को याद करते वक्त हमें आतंकी ताकतों को हराने का संकल्प और मजबूत करना है।
वहीं,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि भारत संसद पर हुए कायरतापूर्ण हमले को कभी नहीं भूलेगा। हम उन लोगों की बहादुरी और बलिदान को याद करते हैं जिन्होंने हमारी संसद की रक्षा करते हुए अपनी जान गंवाई। भारत हमेशा उनका शुक्रगुजार रहेगा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह – साल २००१ में आज के दिन संसद पर हुए आतंकवादी हमले का डट कर मुक़ाबला करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले सभी बहादुर सुरक्षा कर्मियों के पराक्रम एवं शौर्य को मैं नमन करता हूँ। उनकी शौर्यगाथा को इस देश की आने वाली पीढ़ियाँ भी याद रखेंगी।
गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया पर लिखा 2001 में लोकतंत्र के मंदिर संसद भवन पर हुए कायरतापूर्ण आतंकी हमले में दुश्मनों से लोहा लेते हुए अपना सर्वोच्च न्योछावर करने वाले माँ भारती के वीर सपूतों को कोटि-कोटि नमन करता हूँ। कृतज्ञ राष्ट्र आपके अमर बलिदान का सदैव ऋणी रहेगा।
19 साल पहले हुआ था आतंकी हमला
19 साल पहले 13 दिसंबर को लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने संसद परिसर पर हमला कर दिया था। इसमें दिल्ली पुलिस के पांच जवान, CRPF की एक महिला सिपाही राज्यसभा के 2 कर्मचारी और एक माली ने जान गंवाई थी। एक फोटो जर्नलिस्ट की भी मौत हुई थी। जवाबी कार्रवाई में सिक्योरिटी फोर्स ने सभी पांच आतंकवादियों को मार गिराया था।