छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 06 जून 2022। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालयों के आइकोनिक वीक समारोह के उद्घाटन कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान पीएम मोदी ने कॉरपोरेट मंत्रालय के योगदान पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के दौरान भारतीय रुपये की गौरवशाली यात्रा को भी दिखाया गया। इसके साथ ही आजादी के अमृत महोत्सव के लिए समर्पित नए सिक्के लॉन्च हुए। इनमें 1 से 20 रुपये तक के सिक्कों की स्पेशल सीरीज भी जारी की गई है।
पीएम मोदी ने कही ये बड़ी बात
इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि बीते वर्षों में वित्त मंत्रालय और कॉरपोरेट मंत्रालय ने अपने कार्यों के द्वारा, सही समय पर सही निर्णयों के द्वारा अपनी एक legacy बनाई है, एक बेहतरीन सफर तय किया है। उन्होंने कहा कि आप सभी इस विरासत का हिस्सा हैं। देश के आम जन के जीवन को आसान बनाना हो, या देश की अर्थव्यवस्था को सशक्त करना हो, बीते 75 वर्षों में अनेक साथियों ने इसमें बहुत योगदान दिया है।
1 से 20 रुपये तक के सिक्के शामिल
इस कार्यक्रम के दौरान आजादी का अमृत महोत्सव को समर्पित नए सिक्के लॉन्च किए गए हैं। इसके तहत 1 रुपये, 2 रुपये 5 रुपये, 10 रुपये और 20 रुपये के सिक्कों की स्पेशल सीरीज जारी की गई। ये स्पेशल सीरीज के सिक्के दृष्टिबाधित व्यक्तियों द्वारा आसानी से पहचाने जा सकेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये सिक्के लगातार लोगों को अमृत काल के लक्ष्यों की याद दिलाएंगे और उन्हें राष्ट्र के विकास में योगदान करने के लिए प्रेरित करेंगे। गौरतलब है कि सिक्कों की इन स्पेशल सीरीज में AKAM के लोगो की थीम होगी और दृष्टिबाधित व्यक्ति इसे आसानी से पहचान सकेंगे।
जन समर्थ पोर्टल भी किया गया लॉन्च
नए सिक्कों को लॉन्च करने के साथ ही पीएम मोदी ने ‘Jan Samarth Portal’ लांच किया है। जो सरकारी क्रेडिट योजनाओं को जोड़ने वाला वन-स्टॉप डिजिटल पोर्टल है। जन समर्थ पोर्टल अपनी तरह का पहला मंच है जो लाभार्थियों को सीधे ऋणदाताओं से जोड़ता है। प्रधानमंत्री ने इस पोर्टल का लक्ष्य बताते हुए कहा कि अलग-अलग मंत्रालयों के अलग-अलग वेबसाइटों के चक्कर लगाने से बेहतर है कि व्यक्ति भारत सरकार के एक पोर्टल तक पहुंचेऔर उसकी समस्या का समाधान हो सके।
जीएसटी ने टैक्सों के जाल से मुक्ति दी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि Reforms-यानि सुधार के साथ ही हमने जिस बात पर फोकस किया, वो है सरलीकरण। केंद्र और राज्य के अनेक टैक्सों के जाल की जगह अब जीएसटभ् ने ले ली है। इस सरलीकरण का नतीजा भी देश देख रहा है। अब हर महीने जीएसटी कलेक्शन एक लाख करोड़ रुपये के पार जाना सामान्य बात हो गई है। बीते आठ वर्षों में देश ने जो सुधार किए हैं, उनमें बड़ी प्राथमिकता इस बात को भी दी गई है कि हमारे देश के युवाओं को अपना सामर्थ्य दिखाने का पूरा मौका मिले। हमारे युवा अपनी मनचाही कंपनी आसानी से खोल पाएं, वो अपने इंटरप्राइसेस आसानी से बना पाएं और उन्हें आसानी से चला पाएं।