मीसाबंदियों के पेंशन को भले कोर्ट ने बहाल की बात की नैतिकता का सवाल तो आज भी खड़ा है – कांग्रेस

Chhattisgarh Reporter
शेयर करे

मीसाबंदियों को नैतिकता के आधार पर स्वतः पेंशन छोड़ देना चाहिये

छत्तीसगढ़ रिपोर्टर

रायपुर 25 जनवरी 2022। मीसाबंदियों की पेंशन को भले ही कोर्ट ने बहाल करने के आदेश दिये हो नैतिकता का सवाल तो आज भी खड़ा है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि आखिर मीसाबंदियों को किस बात की पेंशन? मीसाबंदियों ने कोई आजादी की लड़ाई थोड़ी लड़ा था? मीसाबंदियों ने देश की जनता द्वारा निर्वाचित सरकार के खिलाफ आंदोलन किया था तब सरकार ने तत्कालीन जरूरतों के अनुसार संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप निर्णय लिया। उस समय के विपक्षी नेताओं और विरोधी राजनैतिक दलों को सरकार के निर्णय से असहमति थी। विरोधी दलों ने सरकार के खिलाफ आंदोलन चलाया था, आंदोलन हिंसक भी था। सरकार ने कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिये कुछ लोगों को जेलों में निरुद्ध रखा। यह विशुद्ध रूप से राजनैतिक आंदोलन था। आजादी के बाद आज तक विपक्ष में रहने वाले राजनैतिक दल विभिन्न मुद्दों पर सरकार के खिलाफ असहमति के आधार पर राजनैतिक आंदोलन चलाते रहते है उनके कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारियां भी होती है। सरकार के खिलाफ असहमति के आधार पर हुये राजनैतिक आंदोलन के लिये राजनैतिक दल के कार्यकर्ताओं को पेंशन दिया जाना गलत है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मीसाबंदियों ने संघ के एजेंडे को लेकर आंदोलन किया था। कुछ भाजपाई मीसाबंदियों की तुलना स्वतंत्रता संग्राम से करते है जो आजादी की लड़ाई लड़ने वाले महान सपूतों का अपमान है। इनकी तुलना स्वतंत्रता संग्राम से वही लोग करते है जिसका स्वतंत्रता की लड़ाई से कोई मतलब नहीं था। जब देश गांधी की और कांग्रेस के नेतृत्व में आजादी की लड़ाई लड़ रहा था तब तो भाजपाई और उनके पूर्वज संघी अंग्रेजों का साथ दे रहे थे। आज सरकारी सुविधायें लेने के लिये भाजपाई खुद को स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के समकक्ष होने का दावा करते हैं? संघ और भाजपा के लोग देश की जनता को बतायें संघ का गठन 1925 को हुआ था, देश आजाद 1947 में हुआ इन 22 सालों में संघ देश की आजादी की लड़ाई में क्या योगदान था।

Leave a Reply

Next Post

भारत के संघीय ढांचे पर मोदी सरकार का एक और प्रहार, बिना चुनाव लड़े पूरे भारत पर राज करने की भाजपा की चाल

शेयर करे अखिल भारतीय सेवाओं के काडर नियमों में संशोधन सहकारी संघवाद की मान्य परंपराओं के विपरीत है छत्तीसगढ़ रिपोर्टर रायपुर 25 जनवरी 2022। अखिल भारतीय सेवाओं के काडर नियमों में संशोधन के मोदी सरकार के प्रस्ताव का विरोध करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है […]

You May Like

वक्फ़ संशोधन विधेयक पर टी. राजा सिंह का बयान: रामनवमी शोभा यात्रा में कहा, वक्फ़ कानून 'जमीन जिहाद' को रोकेगा....|....राहुल गांधी बेगूसराय में कांग्रेस की पदयात्रा में हुए शामिल, संविधान सुरक्षा सम्मेलन' को संबोधित करने पटना रवाना....|....यूपी में एक और 'सौरभ' की हत्या: पत्नी ने किया रेलकर्मी का कत्ल... इस लालच में पति को मारा; शिवानी का कबूलनामा....|....'रामनवमी की शोभायात्रा को बनाया गया निशाना, बरसाए गए पत्थर', भाजपा का दावा; पुलिस ने दिया यह जवाब....|....प्रदेश में होगा सबसे बड़ा वैश्विक निवेशक सम्मेलन और भूमि पूजन समारोह, 33 लाख करोड़ निवेश की उम्मीद....|....विधानसभा में वक्फ कानून को लेकर हुआ जमकर हंगामा, नेशनल कॉन्फ्रेंस के स्थगन प्रस्ताव पर जमकर बवाल....|....'सफेद टी-शर्ट पहनकर आइए, सवाल पूछिए और आवाज उठाइए', बिहार यात्रा से पहले राहुल की जनता से अपील....|....पालघर में रामनवमी पर बवाल, बाइक रैली पर उपद्रवियों ने फेंके अंडे; तनाव के बाद भारी पुलिस बल तैनात....|....मुंबई के लीलावती अस्पताल में विशेष किडनी जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन....|....राष्ट्रपति ने दी वक्फ संशोधन विधेयक को मंजूरी, अब बन गया कानून