छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
सिलचर 06 मई 2023। मणिपुर के जिरीबाम जिले और आसपास के इलाकों से 1,100 से अधिक लोगों ने अंतरराज्यीय सीमा पार कर असम के कछार जिले में प्रवेश किया। वहीं, हिंसा में कई लोगों की जान चली गई है। एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से दावा किया कि मणिपुर में अब तक 54 लोगों की जान जा चुकी है। 54 मृतकों में 16 शव चुराचंदपुर जिला अस्पताल के मुर्दाघर में रखे गए हैं, जबकि 15 शव इम्फाल ईस्ट के जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान में हैं।
वहीं मणिपुर से पलयान करने वाले अधिकांश प्रवासी कुकी समुदाय से हैं और उन्हें आशंका है कि मणिपुर में उनके घरों को उन समूहों द्वारा नष्ट कर दिया गया होगा, जिन्होंने वीरवार की रात उन पर हमला किया था, जिसके कारण वे सुरक्षा पाने के लिए वहां से भागकर कछार आ गए थे।
परिवार के सदस्यों के साथ अपने घर से भाग रहे लोग
जिरीबाम के निवासी 43-वर्षीय एल मुआंगपु ने कहा, वीरवार की रात लगभग 10 बजे हमने अपने इलाके में चीख-पुकार सुनी। हमें यह महसूस करने में कुछ मिनट लग गए कि हम पर हमला किया गया है। वे पथराव कर रहे थे, हमें धमकी दे रहे थे और कह रहे थे कि यह उनका अंतिम युद्ध है। अपने परिवार के सदस्यों के साथ अपने घर से भागकर यहां पहुंची एक अन्य निवासी 24-वर्षीया वैहसी खोंगसाई ने कहा कि बृहस्पतिवार सुबह उनके क्षेत्र में एक शांति बैठक हुई और मेइती तथा कुकी दोनों समुदायों ने एक-दूसरे की रक्षा करने का आश्वासन दिया।
उन्होंने कहा, एक प्रस्ताव लाया गया और हम खुश थे कि दोनों समुदाय एक-दूसरे की रक्षा करने के लिए सहमत हुए थे। हालांकि, रात में हमें एहसास हुआ कि यह एक झूठा समझौता था। उन्होंने पहले गिरजाघर पर हमला किया और हमारे घरों को जलाने का प्रयास किया। इलाके के पुरुषों ने हमारी रक्षा के लिए अपनी जान जोखिम में डाल दी। खोंगसाई ने कहा कि सेना ने वीरवार रात स्थिति को नियंत्रित किया, लेकिन उन्हें लगा कि कुछ समय के लिए अपने-अपने घरों को छोड़ देना ही बेहतर रहेगा।