संसद में सवाल-जवाब, देश में एनीमिया पीड़ित बच्चों की संख्या 5 वर्ष में 58 से बढ़कर 67 फीसदी हुई

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छत्तीसगढ़ रिपोर्टर

नई दिल्ली 06 अगस्त 2022। पांच साल में एनीमिया ग्रस्त बच्चों की संख्या 58 से बढ़कर 67 फीसदी तक पहुंच गई है। शुक्रवार को लोकसभा में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने बताया कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण में एनीमिया ग्रस्त छह महीने से पांच साल तक की उम्र के बच्चों की संख्या नौ फीसदी से अधिक बढ़ी है। साल 2015-16 में हुए सर्वे में एनीमिया के मामले 58.60 फीसदी थे जो अब बढ़कर 67.1 फीसदी तक पहुंच गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि बच्चों में एनीमिया सबसे ज्यादा लद्दाख (90 फीसदी) में है। इसके बाद गुजरात (80 फीसदी), दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव (76 प्रतिशत), मध्य प्रदेश व जम्मू-कश्मीर (73) और पंजाब व राजस्थान में 71 फीसदी बच्चों में हीमोग्लोबिन की कमी है।

एहतियाती डोज की अवधि समिति की सलाह पर घटी
स्वास्थ्य राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार ने बताया एहतियाती खुराक कीअवधि घटाने का निर्णय टीकाकरण समिति की सलाह पर किया गया। उन्होंने बताया कि एक अगस्त तक देश में 9.07 करोड़ लोगों को एहतियाती खुराक दी गई है जो करीब 13 फीसदी है।

उपचार दावों से जुड़े मामलों पर सख्त कार्रवाई
उपचार दावों में धोखाधड़ी पर निगरानी के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग का प्रयोग किया जा रहा है। स्वास्थ्य राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार ने बताया कि आयुष्मान भारत-प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना में धोखेबाजी के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जा रही है।

झारखंड के 1800 स्कूल शुक्रवार को कर रहे छुट्टी, एनआईए करे जांच : निशिकांत दुबे
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने झारखंड के उर्दू माध्यम वाले स्कूलों में शुक्रवार को साप्ताहिक अवकाश रखने का मामला उठाते हुए सरकार से इसकी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से पड़ताल कराने की मांग की है। लोकसभा में उन्होंने कहा कि राज्य में अचानक कम से कम 1800 स्कूलों ने अपने नाम में उर्दू लगा लिया है और वहां रविवार के बजाय शुक्रवार को छुट्टी हो रही है। यह जानकारी खुद झारखंड सरकार की रिपोर्ट में सामने आई है, जो कि देश के ‘इस्लामीकरण’ की ओर बढ़ने का प्रमाण है। शून्यकाल के दौरान यह विषय उठाते हुए दुबे ने सरकार से ऐसे स्कूलों को सर्व शिक्षा अभियान के तहत जारी फंड पर भी रोक लगाने की मांग की।

सीपीईसी के विस्तार की योजना पूरी तरह अवैध और अस्वीकार्य : भारत
भारत ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के विस्तार की किसी भी योजना को एक बार फिर अवैध और अस्वीकार्य बताया है। यह परियोजना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से गुजर रही है। पिछले महीने पाकिस्तान और चीन ने इस परियोजना में तीसरे देशों के शामिल होने का स्वागत किया था। इस बारे में लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में विदेश राज्यमंत्री एम मुरलीधरन ने कहा, किसी भी पक्ष द्वारा ऐसा कदम भारत की स्वायत्तता और क्षेत्रीय अखंडता पर असर डालेगा। ऐसी गतिविधि अवैध और अस्वीकार्य है। भारत इस पर उपयुक्त कदम उठाएगा।

भारत में अनिवार्य मतदान व्यावहारिक नहीं  
सरकार ने कहा कि भारत जैसे विशाल देश में अनिवार्य मतदान का प्रस्ताव व्यावहारिक नहीं है। जनार्दन सिंह सिग्रीवाल (भाजपा) की ओर से 2019 में पेश निजी विधेयक पर चर्चा के दौरान केंद्रीय कानून एवं न्याय राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल ने कहा, सदस्य की भावना से हम अवगत है कि सबको मतदान करना चाहिए मगर मतदान नहीं करने के लिए सजा देने का प्रस्ताव व्यावहारिक नहीं है।  

सोशल मीडिया के लिए 105 दिशा-निर्देश जारी
नए आईटी नियमों के तहत सरकार ने सोशल मीडिया के लिए अब तक 105 दिशा निर्देश जारी किए हैं। शुक्रवार को इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने राज्यसभा में बताया कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने नए नियमों के तहत ये निर्देश जारी किए। मंत्री ने बताया कि यूटयूब को दिसंबर 2021 और अप्रैल 2022 के बीच सामग्री ब्लॉक करने के लिए 94, ट्विटर को पांच और फेसबुक व इंस्टाग्राम को तीन-तीन निर्देश जारी किए गए। चंद्रशेखर ने कहा, सरकार की नीतियों का उद्देश्य खुला, सुरक्षित और जवाबदेह इंटरनेट सुनिश्चित करना है। उन्होंने बताया कि सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को जवाबदेह बनाने और उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए 25 फरवरी, 2021 को आईटी नियम लागू किए।

दिव्यांगता अधिनियम के उल्लंघन पर समिति ने जताई नाखुशी
सामाजिक न्याय और अधिकारिता की स्थायी समिति ने दिव्यांगता अधिनियम 2016 के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर नाखुशी जाहिर की है। समिति ने कानून के संबंध में सरकार की कार्यवाही को लेकर शुक्रवार को लोकसभा में रिपोर्ट पेश की। समिति ने कहा, अधिनियम में शिकायतों का निवारण एक अहम अधिकार है। अगर इसका पालन नहीं होता है तो यह संबंधित व्यक्तियों के प्रति अन्याय होगा।  

1.83 लाख करोड़ के सैन्य उपकरणों की खरीद को मंजूरी
सरकार ने शुक्रवार को कहा कि उसने 2020-21 से अब तक 1,83,778 करोड़ रुपये के सैन्य उपकरणों की खरीद के लिए जरूरी स्वीकृति (एओएन) मंजूरी दी है। रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने लोकसभा में बताया, रक्षा खरीद के मानदंडों के तहत किसी भी सैन्य उपकरण और हार्डवेयर की खरीद की दिशा में एओएन पहला कदम है। एओएन के बाद संबंधित सेवा और रक्षा मंत्रालय निविदा और अनुबंध की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हैं।

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