छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 17 नवंबर 2020। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार सुबह कश्मीर के नगरोटा में हुए एनकाउंटर की रिव्यू मीटिंग की। सूत्रों ने न्यूज एजेंसी को बताया कि बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, खुफिया एजेंसियों के टॉप अफसर मौजूद थे। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में यह बात सामने आई है कि मारे गए आतंकवादी 26/11 की बरसी पर बड़े हमले की साजिश रच रहे थे।
ये आतंकवादी प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हो सकते हैं और इन्होंने हाल ही में भारत में घुसपैठ की थी। इन्होंने इस हमले के लिए पुरानी रणनीति को ही अपनाया था। हालांकि, गुरुवार को जम्मू जोन के IG मुकेश सिंह ने बताया था कि ये आतंकवादी जिला परिषद के चुनाव से पहले बड़े हमले की साजिश रच रहे थे। ये चुनाव 28 नवंबर से 19 दिसंबर के बीच 8 फेज में कराए जाने हैं। काउंटिंग 22 दिसंबर को होनी है।
शकरगढ़ से भारतीय सीमा में दाखिल हुए आतंकवादी
सेना, CRPF और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गुरुवार सुबह ट्रक में छिपकर आ रहे जैश-ए-मोहम्मद के 4 आतंकवादियों को मार गिराया था। सुरक्षा अधिकारियों ने भास्कर को नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया है कि आतंकवादी शकरगढ़ से भारत में दाखिल हुए। यहां पाकिस्तानी रेंजर्स का हेडक्वार्टर है और घुसपैठ में उनकी मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता है।
आतंकियों के मोबाइल से मिले नंबरों की जांच
आतंकवादी गुरुवार रात पहाड़ी नालों के जरिए साम्बा और हीरानगर के बीच नेशनल हाईवे पर पहुंचे। ये ट्रक में तड़के करीब 3 बजे के आसपास बैठे। इन आतंकवादियों को पाकिस्तान के सियालकोट स्थित लॉन्चपैड से मदद की गई। यहां उनका हैंडलर मो. रऊफ था। रऊफ सियालकोट के जैश मॉड्यूल का सरगना है। पुलिस को मोबाइल से कुछ नंबर मिले हैं, इनकी जांच की जा रही है।
26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुआ था आतंकी हमला
मुंबई में 26 नवंबर 2008 को लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने कई जगहों पर हमले किए थे। इस हमले में 160 से ज्यादा लोग मारे गए थे। 300 से ज्यादा घायल हुए थे। यह आतंकी कराची से समुद्र के रास्ते मुंबई पहुंचे थे और इन्होंने इसके लिए कुबेर नाव (KUBER PBR 2302) का इस्तेमाल किया था। आतंकियों ने नाव में सवार सभी लोगों की हत्या की और उस पर कब्जा कर लिया था।
हमले में शामिल आतंकवादी कसाब ने पूछताछ में कबूल किया था कि वह अपने साथियों के साथ पाकिस्तानी ट्रॉलर अल हुसैनी से मुंबई के लिए निकला था। हमले का दोषी करार दिए जाने के बाद कसाब को 21 नवंबर 2012 को पुणे की येरवडा जेल में फांसी दी गई थी और वहीं दफन कर दिया गया था।