छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
ढाका 06 अगस्त 2024। बांग्लादेश में हिंसा का दौर अभी भी जारी है। शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद भी प्रदर्शनकारी सड़कों पर डटे हैं। प्रदर्शनकारी आवामी लीग के नेताओं और अधिकारियों को निशाना बना रहे हैं। इन सबके बीच, प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे ने देश के सुरक्षा बलों से आग्रह किया कि वह सत्ता पर किसी भी तरह का कब्जा नहीं होने दें। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर संकट की स्थिति पर काबू नहीं पाया गया तो बांग्लादेश पाकिस्तान बन जाएगा।
देश में हालात बेकाबू
भीषण आगजनी और हिंसा के बीच हालात बेहद खराब हो गए हैं। हालात बेकाबू होने के बाद पांच अगस्त को प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पद से इस्तीफा दे दिया। अब अंतरिम सरकार बांग्लादेश का कार्यभार संभालेगी। इस बीच,पूर्व पीएम हसीना के बेटे साजीब वाजेद जॉय ने पुलिस, बांग्लादेश के सीमा सुरक्षाबल (बीजीबी) और सेना से संविधान बनाए रखने का आह्वान किया। साथ ही किसी भी अनिर्वाचित सरकार को सत्ता में नहीं आने देने का अनुरोध किया। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसा नहीं करने पर बांग्लादेश के 15 साल की प्रगति खतरे में पड़ सकती है और संभावित रूप से देश पाकिस्तान के रास्ते पर जा सकता है, जो भविष्य में खतरनाक होगा।
संविधान की रक्षा करें: जॉय
साजीब वाजेद जॉय ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर स्थिति की गंभीरता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘पुलिस, बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) और हमारी सेना से मैं आग्रह करता हूं कि आप अपनी जिम्मेदारी को समझें। हमारे लोगों, हमारे देश और हमारे संविधान की रक्षा करें। इसका मतलब यह है कि किसी भी अनिर्वाचित सरकार को एक मिनट के लिए भी सत्ता में नहीं आने दें। यह आपका कर्तव्य है।’
पाकिस्तान जैसा हो जाएगा…
जॉय ने चेतावनी देते हुए कहा, ‘अगर ऐसा हुआ तो हमारा हाल भी पाकिस्तान जैसा हो जाएगा। हमारी सभी 15 वर्षों की प्रगति को बर्बाद कर दिया जा सकता है,और बांग्लादेश कभी भी उबर नहीं सकता है। मैं भी ऐसा नहीं चाहता और न ही आप। जब तक मैं सक्षम हूं, मैं ऐसा नहीं होने दूंगा।’
‘हिंसा और हत्याओं से सत्ता हासिल नहीं की जा सकती’
पूर्व पीएम के बेटे ने विरोध-प्रदर्शनों की भी निंदा की। साथ ही इस हिंसा को आतंकवाद करार दिया। उन्होंने कहा, ‘हिंसा और हत्याओं से सत्ता हासिल नहीं की जा सकती। जब पुलिस की हत्याएं होती हैं, निर्दोष लोगों को निशाना बनाया जाता है, घरों में आग लगा दी जाती है और पत्रकार मारे जाते हैं तो यह विरोध नहीं होता बल्कि आतंकवाद में बदल जाता है। आतंकवाद से केवल एक ही तरीके से लड़ा जा सकता है। मैं अनुरोध करता हूं कि हमारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने बहुत धैर्य दिखाया है। हालांकि, इसे अब और बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।’