छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 05 अगस्त 2024। कांग्रेस ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर में चुनाव सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित समय सीमा के अनुसार होने की मांग की। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि भाजपा की नीति न तो ‘कश्मीरियत’ का सम्मान करने वाली है और न ही ‘जम्हूरियत’ (लोकतंत्र) को बरकरार रखने वाली है। बता दें कि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को 2019 में निष्प्रभावी बना दिया था। इसके साथ ही सरकार ने तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के माध्यम से दो केंद्र-शासित प्रदेश-जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था।मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को लेकर भाजपा की नीति न तो ‘कश्मीरियत’ का सम्मान करने वाली है और न ही ‘जम्हूरियत’ को कायम रखने वाली है।” उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार ने दावा किया था कि इस कदम से जम्मू-कश्मीर को पूर्ण रूप से एकीकृत करने, क्षेत्र के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और आतंकवाद को रोकने में मदद मिलेगी, लेकिन वास्तविकता बिल्कुल अलग है।
खरगे ने आगे कहा, “2019 के बाद से 683 घातक आतंकवादी हमले हुए हैं, जिसके परिणामस्वरूप 258 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए और 170 नागरिकों की जान चली गई। विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तीसरे कार्यकाल की शपथ के बाद से जम्मू क्षेत्र में 25 आतंकवादी हमले हुए हैं, जिसमें 15 सैनिकों की जान चली गई और 27 घायल हो गए।” उन्होंने दावा किया कि पिछले कुछ वर्षों में कश्मीरी पंडितों की लक्षित हत्याएं काफी बढ़ गई हैं। जम्मू कश्मीर में 2019 से ही 65 प्रतिशत सरकारी विभाग पद खाली हैं। यहां बेरोजगारी दर 10 प्रतिशत है। 2021 में नयी औद्योगिक नीति लागू होने के बावजूद महज तीन प्रतिशत निवेश ही जमीन पर उतर पाया है। कांग्रेस नेता ने यह भी दावा किया कि प्रधानमंत्री विकास पैकेज, 2015 के तहत 40 प्रतिशत परियोजनाएं लंबित हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग सामान्य स्थिति के लिए तरस रहे हैं। यहां के लोगों ने अपनी स्थिति भारत जोड़ो अभियान के दौरान राहुल गांधी के सामने रखी थी। खरगे ने इस बात पर भी जोर दिया कि कांग्रेस यहां के लोगों के साथ खड़ी है।