छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 12 जुलाई 2024। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आगामी बजट के लिए बैठकें करते समय बेरोजगारी, महंगाई और असमानता जैसे मुद्दों पर भी गौर करना चाहिए। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि मोदी सरकार ने अपनी नीतियों से करोड़ों लोगों का जीवन उजाड़ा है। खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “नरेन्द्र मोदी जी, देश की जनता को बेरोज़गारी, महँगाई और असमानता के गर्त में धकेल कर आपकी सरकार ने करोड़ों लोगों का जीवन उजाड़ा है। आने वाले बजट के लिए जब आप कैमरे की छाया में बैठकें कर रहे हों, तो देश के इन मूल आर्थिक मुद्दों पर भी गौर कीजिए। आपकी नाकामियों की सूची बहुत लंबी है।
बेरोज़गारी की वजह से युवाओं का भविष्य शून्य की ओर
उन्होंने दावा किया, “9.2 प्रतिशत बेरोज़गारी दर की वजह से युवाओं का भविष्य शून्य की ओर ताक रहा है। 20-24 वर्ष की आयु के लोगों के लिए, बेरोजगारी दर बढ़कर 40 प्रतिशत हो गई है, जो युवाओं के बीच नौकरी के बाजार में गंभीर संकट को उजागर करती है।” उनका कहना था कि किसानों की आय दोगुनी करने व लागत 50 प्रतिशत न्यूनतम समर्थन मूल्य का वादा झूठा निकला।कांग्रेस अध्यक्ष के मुताबिक, हाल ही में 14 ख़रीफ़ फसलों के एमएसपी पर मोदी सरकार ने फिर ये साबित कर दिया कि उसे स्वामीनाथन रिपोर्ट की एमएसपी की सिफ़ारिश को केवल चुनावी झुनझुने की तरह इस्तेमाल करना है।
2016 से अब तक 20 शीर्ष पीएसयू में हिस्सेदारी बेची…
खरगे ने आरोप लगाया, “जिन 7 सार्वजनिक उपक्रमों में ज़्यादातर सरकारी हिस्सेदारी बेची गयी है, उससे 3.84 लाख सरकारी नौकरियाँ छिनी गई हैं! इससे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़े वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए आरक्षित पदों की नौकरियां भी छिनी है।” उन्होंने कहा, “2016 से अब तक जो आपने 20 शीर्ष पीएसयू में हिस्सेदारी बेची है, उसमें 1.25 लाख लोगों की सरकारी नौकरियाँ गई है।
आर्थिक असमानता 100 वर्षों में सबसे ज़्यादा
कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया, “महँगाई का तांडव चरम पर है। आटा-दाल-चावल, दूध-चीनी, आलू-टमाटर-प्याज़, खाने-पीने की सभी ज़रूरी वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं। नतीजा ये है कि परिवारों की घरेलू बचत 50 वर्षों में सबसे कम स्तर पर है।आर्थिक असमानता 100 वर्षों में सबसे ज़्यादा है। ” उन्होंने कुछ अन्य आर्थिक सूचकांकों का हवाला देते हुए कहा, “मोदी जी, 10 साल हो गए। आपने अपने पीआर का इस्तेमाल कर सरकार को जनता के मूल मुद्दों से दूर रखा, पर जून 2024 के बाद अब ऐसा नहीं चलेगा, जनता अब हिसाब माँग रही है। ” खरगे ने यह भी कहा, “देश की अर्थव्यवस्था से मनमाना खिलवाड़ अब बंद होना चाहिए।