छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
इंफाल 07 जून 2024। मणिपुर सरकार ने जिरीबाम जिले में अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लगा दिया है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि उग्रवादियों द्वारा एक 59 वर्षीय व्यक्ति की हत्या के मामले में लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, इस प्रदर्शन को देखते हुए राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है। सोइबम शरतकुमार सिंह का शव मिलने के बाद स्थानीय लोगों ने कुछ जगहों पर आग लगा दी। इस घटना को देखते हुए गुरुवार रोत से ही निषेधाज्ञा लागू कर दी गई। हालांकि, तनाव भरे माहौल में शुक्रवार की सुबह स्थिति शांत रही। एक अधिकारी ने कहा, “असामाजिक तत्वों की गैरकानूनी गतिविधियों के कारण इलाके में दंगा होने की संभावना है।” स्थानीय प्रशासन ने पांच या उससे अधिक व्यक्तियों की सभा को गैरकानूनी बताया। इसी के साथ जिले के राजस्व क्षेत्राधिकार के भीतर आग्नेयास्त्र और लाठियां ले जाने और आवासों के बाहर
पुलिस स्टेशन के बाहर स्थानीय लोगों का प्रदर्शन
बता दें कि मृतक सोइबम शरतकुमार सिंह गुरुवार की सुबह से ही अपने फार्म से लापता थे। बाद में उनका शव बरामद किया गया। उनके शरीर पर घाव के निशान भी पाए गए थे। शव मिलने के बाद स्थानीय लोगों ने जिरीबाम पुलिस स्टेशन के बाहर प्रदर्शन करना शुरू किया। लोगों ने चुनाव के दौरान के मद्देनजर उनसे ली गई उनकी लाइसेंसी बंदूकें चुनाव खत्म होने के बाद उन्हें वापस करने की मांग की। प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन ने लोगों से शांति बरतने की अपील की। प्रशासन ने कहा, “कानून व्यवस्था के मामले में जिरीबाम जिला फिलहाल कठिन समय का सामना कर रहा है। समाज के सभी वर्गों से शांति बरतने की अपील की गई है। झूठी खबरों से भी दूरी बनाने को कहा गया है।” जिला मजिस्ट्रेट ने जिरीबाम के पुलिस अधीक्षक से संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा बलों को तैनात करने का अनुरोध किया।
एक साल से जारी है मणिपुर में हिंसा
बता दें कि मणिपुर में पिछले एक साल से ही हिंसा जारी है। दरअसल, मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में पिछले साल तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। राज्य में तब से अब तक कम से कम 160 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। हिंसा में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।