छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 19 सितंबर 2022। सरकार अमेरिका, यूरोप और दक्षिण कोरिया की तर्ज पर भारत में भी गूगल (अल्फाबेट) एवं फेसबुक जैसी दिग्गज टेक कंपनियों के एकाधिकार पर लगाम कसने की तैयारी कर रही है। इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) गूगल और अन्य टेक कंपनियों की तकनीकी गैर-जिम्मेदारियों एवं भारतीय प्रकाशकों के साथ गैर-प्रतिस्पर्धी व्यवहार के खिलाफ कदम उठाने पर तेजी से काम कर रहा है। एक संसदीय समिति टेक दिग्गजों की मनमानी और एकाधिकार से जुड़ी चिंताओं पर विचार-विमर्श कर रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर टेक कंपनियों के खिलाफ वैश्विक स्तर पर गैर-प्रतिस्पर्धा को लेकर चली मुहिम में भारत की भूमिका का नेतृत्व कर रहे हैं। बोट्स और एल्गोरिदम के जरिये इंटरनेट का दुरुपयोग रोकने के लिए सख्त नियम लाने पर मंथन चल रहा है। साथ ही सोशल मीडिया कंपनियों के लिए तिमाही ऑडिट रिपोर्ट जारी करना अनिवार्य कर दिया गया है।
उचित राजस्व को लेकर जांच
सीसीआई गूगल के खिलाफ विज्ञापन राजस्व में उचित हिस्सेदारी नहीं देने को लेकर डिजिटल समाचार प्रकाशक संघ (डीएनपीए) की याचिका पर पहले से ही जांच कर रहा है। सही राजस्व हिस्सेदारी के लिए डीएनपीए के नेतृत्व में देश के कई मीडिया संगठन गूगल और अन्य दिग्गज टेक कंपनियों के खिलाफ एकजुट हो गए हैं।
यूरोप में 31,860 करोड़ का जुर्माना
यूरोप में नियामकों और अदालत की सख्ती के बाद गूगल को एकाधिकार के मामले में 400 करोड़ डॉलर (31,860 करोड़ रुपये) का जुर्माना देना पड़ेगा। कंपनी पर आरोप था कि उसने अपने सर्च इंजन को फायदा पहुंचाने के लिए एंड्रॉयड फोन निर्माताओं पर कई प्रतिबंध लगाए। शीर्ष यूरोपीय अदालत के फैसले के तत्काल बाद दक्षिण कोरिया ने भी गूगल पर प्रतिस्पर्धा खत्म करने मामले में जुर्माना लगाया। जांच में पता लगा कि गूगल यूजर्स का डाटा जुटाने के साथ उनके वेबसाइट इस्तेमाल पर भी नजर रख रही थी।