करोड़ों की सड़के कमीशन खोरी के चलते छ:महिने से साल भर भी नहीं ठिकी
आदीवासी क्षेत्र आज भी संचार सुविधा मोबाईल नेटवर्क संपर्क से जुड नहीं पाये
छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
कबीरधाम(छ.ग.) 24 अक्टूबर 2021। जिला कबीर धाम वनांचल बैगा आदीवासी बाहुल्य क्षेत्र आजादी के 75साल बाद भी जिले के आदीवासी बैगा बहुल्य क्षेत्र मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। संवाददाता सर्वे के अनुसार जिले के अंतर्गत आश्रित सुदूर वनांचल बैगा आदीवासी बहुल्य क्षेत्र जहां आजादी के आज पर्येंत तक पक्की पहुंच मार्ग जो की केन्द्र सरकार एवं राज्य शासन के आयोजन में शामिल है।
आज भी छत्तीसगढ़ के अंतिम छोर कबीरधाम जिला जो की मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ दो राज्यों को जोडती है जिला मुख्यालय कबीरधाम से महज 50-60 किलोमीटर की दूरी एवं विकासखंड मुख्यालय से 30-35 किलोमीटर दूर स्थित सुदूर वनांचल जहां आजादी के 75साल बाद भी आदिम सभ्यता के जीवन जीने के लिए मजबूर हैं,बैगा आदीवासी बहुल्य ग्राम साटोला, सेजाडीह, ढेपरापानी, पीपरटोला, टेढापानी, रूखमीददर, बाहपानी, खेरा बिरहुन डीह, आगरपानी, बोहिल,चांटा, बसुला लूट, अजवाइन बाह, सरहा पथरा, ठेंगा टोला, छीरपानी,पडरीपानी ,कान्हाखेरा ,सेंदूरखार,लिहा टोला, जहां बैगा जनजाति झिरिया खोदकर दूषित पानी पीने को मजबूर हैं, आजादी के बाद विकास तो हुआ है लेकिन इस क्षेत्र के बैगा जनजातियों का विकास केवल सरकारी फाइलों तक विकास देख सकते हैं धरातल पर इस क्षेत्र के जनजातियों के नाम पर केवल राजनैतिक दलें इनके नाम से राजनीति ही करते आये हैं, अगर धरातल पर देखा जाय तो यहां के जनजीवन अपनी मूलभूत अधिकारों जैसे सड़क,स्कूल बिजली, पानी व चिकित्सा के लिए आज भी तरस रहें हैं.. कुछ आदीवासी ग्राम ऐसे हैं जहां स्वतंत्रता के 75 साल बाद भी बिजली,सड़क,स्वास्थ सेवा ,स्कूल आगंनबाडी जैसे अतिमहत्वपूर्ण सुविधाएं उपलब्ध नहीं ,क्षेत्र के आदिवासी समूह से खास चर्चा के दौरान उन्होंने बताया की छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार तीन पंचवर्षीय तक सत्ता में थीं लेकिन वहां के सडकें तो बनी है लेकिन सड़क ठेकेदारों ने करोड़ों की लागत की सडके केवल कमीशन खोरी के चलते साल छ:महिने भी नहीं ठिकी आदीवासियों का कहना है की,आदीवासी जो राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहा जाता है,लेकिन उन्हें ही मुख्यधारा से दूर रखा गया है,उन्हें 2014 के बाद केन्द्र सरकार आने के बाद यह उम्मीद थी की योजनाओं का विस्तार इस क्षेत्र में होगा लेकिन इनका कहना है की विकास के नाम पर केवल उन्हें वोट बैंक की राजनीति तक ही इस्तेमाल किये जाते हैं आवागमन.. आदीवासी बैगा बरसात के दिनों में काफी,परेशानियों का सामना करना पडता है।
स्कूल.. तो है लेकिन भवन जर्जर अवस्था में है अधिकाशं स्कूल के भवन इतनी जर्जर अवस्था में है की बच्चे बरसात में बैठकर नहीं पढ सकते हमेशा भय बना रहता है की बिल्डिंग कब गिर जाय.. पानी,स्वास्थ, सडकें इन सभी मूलभूत सुविधाएं जो की केन्द्र सरकार की योजनाओं में सामिल है लेकिन उनकी इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया,कहने को सबका साथ और सबका विकास लेकिन यह विकास अब तक फाइलों तक ही कहने को है,इनकी सुध.किसी ने नहीं ली,अब उम्मीदें राज्य सरकार पर टिकी हैं की उनकी इस समस्या पर विचार करते हुए उन्हें मुख्यधारा से जाड़ा जाये।
संचार सुविधाएं..जिले के इस आदीवासी क्षेत्र आज भी संचार सुविधा मोबाईल नेटवर्क संपर्क से जुड नहीं पाये हैं जियो,बीएसएनएल एवं अन्य नेटवर्क नहीं केन्द्र सरकार की संचालित योजनाओं से वनांचल क्षेत्र के आदीवासी वंचित हैं,आदीवासी बैगाओं एवं सरपंच ग्राम प्रतिनीधियों ने बताया की छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार तीन पंचवर्षीय तक सत्ता में थीं लेकिन उनकी गुहार उन्होंने ने भी नहीं सुनी योजना का,क्रियान्वयसिर्फ फाइलों में ही हो रही थी, सही मायने में जिले के सुदूर वनांचल बैगा आदीवासियों को आजादी तभी मिलेगी जब इन्हें मुख्यधारा से जाडने के लिए शासन -प्रशासन के द्वारा बैगा बहुल्य क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं के तहत इन्हें मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो और सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन धरातल स्तर पर उन तक उपलब्ध हो।