केन्द्रीय बजट में इस बार भी सब कुछ चंद पूंजीपतियों ‘‘मित्रों’’ के लिये, ‘‘भाईयों-बहनों’’ के लिये पुनः झांसा, जुमला और झुनझुना – मोहन मरकाम

Chhattisgarh Reporter
शेयर करे

छत्तीसगढ़ रिपोर्टर  

 रायपुर/ 01 फरवरी 2022। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने केन्द्रीय बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि इस बार के बजट ने भी प्रमाणित किया है कि मोदी सरकार की प्राथमिकताओं में केवल चंद पूंजीपतियों का हित है। सूटकेस से पोटली और पोटली से डिजिटल बजट, फोकस केवल कॉर्पोरेट के मुनाफे पर। पूंजीपतियों को राहत देने कार्पोरेट टैक्स 18 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत और टैक्स पर सरचार्ज 12 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत किया गया है लेकिन आम आदमी के लिये इंकम टैक्स स्लेब में कोई राहत नही। मोदी सरकार के आज के इस दसवे बजट में भी आयकर एक्जंम्प्शन लिमिट एक रूपये भी नही बढ़ाया गया हैं। यूपीए सरकार के समय से ही 2.5 लाख की लिमिट थी जो आज तक यथावत है। आयकर स्लैब में छूट की उम्मीद आम करदाता को थी, लेकिन यहा भी मोदी सरकार ने निराश किया। बजट 1 साल के लिये होता है फिर से 25 साल का झांसा कोरी लफ्फाजी के सिवाय कुछ भी नही। इस बार भी आम जनता को बजट में कुछ नही मिला। आज के बजट से किसानों, महिलाओं, युवा, बेरोजगारों, और आम जनता में घोर निराशा है। पिछले बजट में महिलाओं के पोषण, किसानों के खाद ,बीज पर दी जाने वाली सब्सिडी घटाया गया था इस बार भी कोई राहत नही। ऑर्गेनिक खेती केवल गंगा के किनारे 5 किलोमीटर दायरे तक सीमित होना प्रमाणित करता है कि भाजपा चुनावी मोड से बाहर नही आ पर रही है।  छत्तीसगढ़ में गोठानों के माध्यम से संचालित वर्मी कंपोस्ट और सुपर कंम्पोस्ट को प्रोत्साहित करने की योजना पूरे देश के लिये लागू किया जाना चाहिये। ई लर्निग, ई बैंकिग, किसानों को डिजिटल सर्विस केवल झांसा है, असलियत में सुविधा बढ़ाने के बजाय इंटरनेट की दरे लगातार बढ़ाई जा रही है। आज के बजट में घोषित सिंचाई परियोजना में छत्तीसगढ़ शामिल नही। ना ही छत्तीसगढ़ के लिये कोई बड़ी योजना है। फिर एक बार केन्द्र सरकार का छत्तीसगढ़ के प्रति भेदभावपूर्ण रवैया खुलकर सामने आ गया है।

 प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि फ्यूल का महंगाई में योगदान 2.3 प्रतिशत से बढ़कर 14.9 प्रतिशत मोदी की अनियंत्रित मुनाफाखोरी का प्रमाण है। मोदी राज के विगत 7 वर्षो में डीजल पर 10 गुना सेंट्रल एक्साइज वृद्धि की गयी है, आज के बजट में फ्यूल पर कोई राहत नही दी गयी। मानसिक स्वास्थ्य योजना के लिये कोरोना राहत पैकेज और विगत बजट में ‘‘मनोदर्पण’’ कार्यक्रम की घोषणा तो की गयी थी परंतु लागू नही किया, अब फिर से नया जुमला। मिलेट मिथन छत्तीसगढ़ में पहले से ही संचालित है। किसानों को एमएसपी की गारंटी पर मोदी सरकार मौन है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि आज का केन्द्रीय बजट बिना किसी रोडमैप के बिना किसी ब्लू प्रिंट और बिना किसी फ्रेमवर्क के द्वारा बनाया गया है, यह बजट सिर्फ और सिर्फ कोरी जुमलेबाजी है। रेल्वे किराया और मालभाड़ा 3 गुना बढ़ाकर अगले 3 साल के लिये निजी वंदेभारत के नाम से 400 ट्रेन बढ़ाने जुमला आम जनता से भद्दा मजाक है। कृषि वानिकी फलोद्यान को बढ़ावा देने छत्तीसगढ़ में 10 हजार प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी के सामने केन्द्रीय  बजट में की गयी घोषणा नगण्य है। राज्यों को आर्थिक सहायता के लिये कर्ज देने के बजाय राज्यों के हक और अधिकारों की रोकी गयी राशि समय पर देने की व्यवस्था की जाये तो बेहतर होगा। राज्यों को आर्थिक मजबूती प्रदान करने का दावा तर्कहीन, तथ्यहीन है। केन्द्रीय योजनाओं में केन्द्रांश कम करके राज्यांश बढ़ाना राज्यों के आर्थिकहित के खिलाफ है। विगत 7 वर्षो में भारत सरकार पर कर्ज डेढ़ गुना से अधिक बढ़ा है, और अब अधिक ऋण के लिये सार्वजनिक बांड जारी करने का फैसला? एनपीएस मे नियोक्ता का योगदान 14 प्रतिशत सीजी में पहले में ही लागू है। एनपीएस मे टैक्स छूट 10 से बढ़ाकर 14 प्रतिशत कोई राहत नही। आयकर, स्लैब, 80- सी के तहत छूट, हाऊस लोन पर ब्याज की छूट लिमिट और वेतन में आय में र्स्टेडर्ड, डिडक्शन बढ़ाने संबधित कोई अतिरिक्त राहत इस बजट में नही दी गयी है। महिलाओ और बुर्जर्गो के आय का प्रमुख स्त्रोत जमा पर ब्याज है जो मोदी राज लगातार उनसे छिनी जा रही है। सेंविग अकाउंट पर ब्याज दर 3 प्रतिशत से कम और एफडीआर पर 6 प्रतिशत से कम हो गयी है जबकि यूपीए सरकार के दौरान यह दुगुनी थी। कुल मिलाकर मोदी सरकार के 10 बजट में भी आम जनता के लिये कोई राहत नही है। रोजगार बढ़ाने, महंगाई कम करने और आम आदमी की जेब मे सीधा पैसा डालने कोई प्रयास नही किया गया है। कुल मिलाकर यह बजट अमीरी और गरीबी असमानता बढ़ाने वाला बजट है। देश की अर्थव्यवस्था को गर्त में जाने वाला बजट है।

Leave a Reply

Next Post

बजट 2022: जैविक खेती से गांव-किसान की तकदीर तय करने की कोशिश, एमएसपी पर दिया भरोसा

शेयर करे छत्तीसगढ़ रिपोर्टर   नई दिल्ली 02 फरवरी 2022। एमएसपी को लेकर किसान आंदोलन की आंच को कम करने की कोशिश इस बजट में की गई है। आय बढ़ाने और खेती की हालत सुधारने के लिए तकनीक और ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है। हालांकि न्यूनतम […]

You May Like

झारखंड में भीषण सड़क हादसा; यात्रियों से भरी बस पलटने से सात की मौत, कई घायल....|....हरिहर मंदिर बताए जाने के बाद संभल की जामा मस्जिद की सुरक्षा बढ़ाई, दो रास्ते किए बंद.. आरआरएफ की तैनाती....|....आम आदमी पार्टी की पहली सूची में 11 उम्मीदवारों का नाम....|....'मोदी-अदाणी एक हैं तो सेफ हैं', राहुल गांधी ने गिरफ्तारी की उठाई मांग, प्रधानमंत्री पर भी लगाए आरोप....|....झारखंड में 2019 से ज्यादा मतदान, पहले चरण की सीटों पर 2.9% तो दूसरे पर 1.51% अधिक वोटिंग....|....हसदेव जंगल की अवैध कटाई के दौरान आदिवासी युवक कमलेश सिरदार सहित तीन मजदूरों की मौत के लिए साय सरकार जिम्मेदार....|....भाजपा सरकार के राज में अपराधी बेलगाम, आम आदमी असुरक्षित....|....भाजपा सरकार किसानों से धान नहीं खरीदना चाहती इसलिए खरीदी केंद्रों में अव्यवस्था....|....रोमांस से एक्शन तक: नरगिस फाखरी ने छोड़ी अमित छाप....|....टाइगर श्रॉफ के बागी 4 में नए लुक ने होश उड़ाए