छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 14 मार्च 2024। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को नागरिकता संशोधन कानून समेत कई मुद्दों पर विदेशी मीडिया के कवरेज को लेकर नाराजगी जताई। खासकर पश्चिमी मीडिया की तरफ से तीन तलाक, सीएए और अनुच्छेद 370 पर सवाल उठाए जाने पर शाह ने कहा, “विदेशी मीडिया से पूछिए कि क्या उनके देश में तीन तलाक, मुस्लिम पर्सनल लॉ, अनुच्छेद 370 जैसे प्रावधान हैं। अंतरराष्ट्रीय मीडिया द्वारा CAA को ‘एंटी मुस्लिम’ कानून बताए जाने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “आप इस कानून को अलग करके नहीं देख सकते। 1947 को धर्म के आधार पर विभाजन हुआ था। उस समय कांग्रेस नेताओं ने कहा था कि अभी हिंसा चल रही है, आप जहां हैं वह रह जाइए, बाद में आप जब भी भारत में आएंगे आपका स्वागत है। लेकिन तुष्टिकरण की राजनीति के कारण कांग्रेस ने कभी अपना वादा पूरा नहीं किया।”
केंद्रीय गृह मंत्री ने साफ किया कि “CAA से इस देश के अल्पसंख्यकों या किसी और व्यक्ति को डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि इसमें किसी की नागरिकता लेने का प्रावधान नहीं है। इससे सिर्फ और सिर्फ तीन देश, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई और पारसी शरणार्थियों को नागरिकता देने का कानून है।
‘जिनके पास दस्तावेज हैं, हम उनके नागरिकता पाने का रास्ता ढूंढेंगे’
उन्होंने बताया, “मुसलमानों को भी नागरिकता के लिए आवेदन करने का अधिकार है। किसी के लिए रास्ता बंद नहीं है। यह विशेष अधिनियम (सीएए) इसलिए बनाया गया है क्योंकि कुछ लोग बिना किसी दस्तावेज के आए हैं। जिनके पास दस्तावेज नहीं है, उनके लिए हम कोई रास्ता ढूढेंगे। लेकिन जिनके पास दस्तावेज हैं, वे अमूमन 85% से ज्यादा है। कोई समय सीमा नहीं है। आराम से समय लेकर आवेदन किया जा सकता है, भारत सरकार आपके उपलब्ध समय के अनुसार साक्षात्कार के लिए आपको कॉल करेगी। सरकार आपको दस्तावेज़ के ऑडिट के लिए बुलाएगी और आमने-सामने साक्षात्कार किया जाएगा। वे सभी लोग जिन्होंने 15 अगस्त 1947 से 31 दिसंबर 2014 के बीच भारत में प्रवेश किया है उनका यहां स्वागत है।