छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 05 मार्च 2024। चुनावी बॉन्ड को लेकर इन दिनों काफी चर्चाएं हैं। इसी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार फिर भाजपा पर हमलावर हो गए। दरअसल, भारतीय स्टेट बैंक ने सोमवार को चुनावी बॉन्ड विवरण का खुलासा करने के लिए समय बढ़ाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। इसे राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बचाने की आखिरी कोशिश करार दिया है। एसबीआई ने कोर्ट से मांग की कि प्रत्येक चुनावी बॉन्ड के विवरण का खुलासा करने के लिए 30 जून तक का समय दिया जाए। बता दें, पिछले माह ही सर्वोच्च अदालत ने एसबीआई को निर्देश दिए थे कि छह मार्च तक चुनावी पैनल के समक्ष विवरण प्रस्तुत किए जाएं।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर राहुल ने पोस्ट करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी ने चंदा कारोबार को छिपाने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी है। जब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनावी बॉन्ड के बारे में सच जानने का अधिकार पूरे देश के लोगों का है तो फिर एसबीआई क्यों नहीं चाहता कि यह सच चुनाव से पहले सार्वजनिक हो। उनका दावा है कि एक क्लिक में जानकारी प्राप्त की जा सकती है तो किसलिए 30 जून तक का समय मांगा जा रहा है। एसबीआई की यह मांग दर्शाता है कि मामला गड़बड़ है। गांधी का आरोप है कि देश का हर स्वतंत्र संगठन भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए मोदानी परिवार का हिस्सा बन रहा है। यह पीएम मोदी के असली चेहरे को छिपाने की कोशिश है।
यह न्याय का मजाक
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी इस मुद्दे पर सरकार की आलोचना की। उन्होंने एक्स पर कहा कि आप क्रोनोलॉजी समझिए कि पहले चुनाव और फिर चुनावी बॉन्ड का खुलासा। भाजपा को अपने वित्त खजाने के स्रोत का खुलासा करने में इतनी घबराहट क्यों हो रही है? कांग्रेस के अलावा, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने सोमवार को कहा कि एसबीआई का कदम आशंकाएं पैदा कर रहा है। यह न्याय का मजाक है। उन्होंने एक्स पर कहा कि यह डिजिटल युग है। एक क्लिक पर जारी जानकारी मिलती है। समय की मोहलत मांगना आशांकाएं पैदा करती हैं।