
छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
बंगलूरू 03 जनवरी 2024। कर्नाटक में हिंदू कार्यकर्ता की गिरफ्तारी पर बवाल मच गया है। कर्नाटक पुलिस ने अयोध्या राम मंदिर के लिए 1992 में एक आंदोलन में कथित भागीदारी के सिलसिले में श्रीकांत पुजारी को गिरफ्तार किया है। इस गिरफ्तारी के खिलाफ भाजपा राज्य में विरोध प्रदर्शन कर रही है। यह घटनाक्रम ऐसे वक्त सामने आया है, जब 22 जनवरी को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है और देशभर में भक्ति का माहौल बन रहा है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि राम मंदिर निर्माण से घबराई कांग्रेस ने जानबूझकर 31 साल पुराने मामले में श्रीकांत पुजारी की गिरफ्तारी करवाई है, ताकि राज्य में हिंदू विरोध का माहौल बनाया जा सके।
राज्य सरकार की मंशा को दर्शाता है
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने इस गिरफ्तारी की निंदा करते हुए कहा कि यह अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा से कुछ दिन पहले 31 साल पुराने मामले को फिर से खोलने के पीछे राज्य सरकार की मंशा को दर्शाता है। वहीं, भाजपा नेता डीवी सदानंद गौड़ा ने पूछा कि मामलों को बंद करना, क्या यह कानूनी सीमाओं के दायरे में था?
ये सभी राजनीतिक गतिविधियां
उन्होंने कहा, ‘सिद्धारमैया की तुष्टिकरण की राजनीति निश्चित रूप से बहुत कम समय में उन्हें वापस मिल जाएगी। जिन कानूनी मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत है, उन पर भाजपा द्वारा कानूनी रूप से ध्यान दिया जाएगा। ये सभी राजनीतिक गतिविधियां हैं। 100 फीसदी राजनीति से प्रेरित हैं।’ सदानंद गौड़ा ने कहा कि जब अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन होने वाला है तो वह यह सब क्यों कर रहे हैं?
सभी वर्गों का सम्मान करें
भाजपा नेता सीएन अश्वथ नारायण ने कहा, ‘राज्य सरकार भेदभाव नहीं कर सकती, फंड का दुरुपयोग नहीं कर सकती। सरकार जवाबदेह है। लोग यही मांग कर रहे हैं। तुष्टीकरण की राजनीति या धन का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। केवल वोट बैंक की राजनीति की जनता सराहना नहीं करती है। वे पूरे मामले का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहे हैं, इसलिए हम कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के पूरे दृष्टिकोण की निंदा कर रहे हैं। अब उन्हें राष्ट्रवादी होने का एहसास होना चाहिए, सभी वर्गों का सम्मान करना चाहिए, समावेशी होना चाहिए।’
यह है मामला
गौरतलब है, बाबरी विध्वंस के बाद दिसंबर, 1992 में हुबली में भड़के एक दंगा में श्रीकांत पुजारी आरोपी है। पुजारी समेत अन्य पर मलिक नाम के एक मुस्लिम शख्स की दुकान में आगजनी करने के आरोप हैं। पुसिस ने 31 साल पुराने इस मामले में श्रीकांत को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस इस केस में आठ अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है। पुलिस का दावा है कि ये लोग 1992 और 1996 के बीच हुए साम्प्रदायिक दंगों में शामिल थे।