छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 11 दिसंबर 2023। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार का जाति आधारित सर्वेक्षण में अड़चन पैदा करने का कभी कोई इरादा नहीं था और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जब बिहार में सत्ता में थी तब उसने इसका समर्थन किया था। यहां पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए शाह ने कहा कि जाति आधारित सर्वेक्षण के संबंध में कुछ मसले हैं और उन्हें उम्मीद है कि बिहार सरकार उनका हल करने में सक्षम होगी।
केंद्र की मंशा कभी भी जाति आधारित सर्वेक्षण में अड़चन पैदा करने की नहीं थीः शाह
बिहार में किए गए जाति-आधारित सर्वेक्षण के बारे में उन्होंने कहा कि जब उनकी पार्टी राज्य में सत्ता में थी, तो उसने जाति-आधारित सर्वेक्षण का समर्थन किया था। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने भी विधेयक को मंजूरी दे दी है। शाह ने कहा कि केंद्र सरकार की मंशा कभी भी जाति आधारित सर्वेक्षण में अड़चन पैदा करने की नहीं थी।
बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी हुए शामिल
उन्होंने कहा कि रविवार को यहां क्षेत्रीय परिषद की बैठक अच्छी रही और सभी मुद्दों पर कोई न कोई निर्णय लिया गया है। गृह मंत्री ने कहा, “कुछ मुद्दों का समाधान कर लिया गया है और कुछ मुद्दों पर विचार करने के लिए समितियां बनाई गई हैं।” बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और ओडिशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड के वरिष्ठ मंत्री शामिल हुए।
शाह ने बिहार भाजपा नेताओं से बातचीत की
इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार के भाजपा नेताओं से बातचीत की और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लगातार तीसरी बार केंद्र की सत्ता में वापसी सुनिश्चित करने के लिए उनसे अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भी पार्टी की जीत का सिलसिला जारी रखने को कहा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रमुख रणनीतिकार माने जाने वाले शाह यहां पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक की अध्यक्षता करने आए थे।
शाह के साथ हुई बैठक में मौजूद नेताओं में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा शामिल थे। बैठक में क्या हुआ, इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि नेताओं ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि शाह ने उनसे लोकसभा चुनाव में पार्टी की जीत का सिलसिला जारी रखने को कहा है। भाजपा ने हाल में राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में शानदार जीत हासिल की है।
भाजपा ने पिछले लोकसभा चुनाव में जनता दल (यूनाइटिड) के साथ साझेदारी में बिहार में अच्छा प्रदर्शन किया था और उन सभी 17 सीटों को जीत लिया था जिसपर उसने चुनाव लड़ा था, लेकिन भाजपा से नीतीश कुमार की पार्टी जद (यू) का अलग हो जाना, इस बार उसके लिए बड़ी चुनौती पेश कर सकता है। जद (यू) ने 2019 में लोकसभा की 16 सीटें जीती थी, लेकिन कुमार भाजपा के अगुवाई वाले गठबंधन का साथ छोड़कर ‘महागठबंधन’ में चले गए हैं जिसमें कांग्रेस, राजद और तीन वामपंथी दल शामिल हैं।