मेरा पीएससी में सेलेक्सन हो चुका था लेकिन दादा ने कहा कि इतना पढ़ने लिखने के बाद नौकर बनोगे कि मालिक, यही बात हमको घर कर गई तब हमने… — भरतपुर-सोनहत विधानसभा गोंगपा प्रत्याशी श्यामसिंह मरकाम

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छत्तीसगढ़ रिपोर्टर / मो. साजिद खान

एमसीबी (सरगुजा) छत्तीसगढ़ — मै गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव हूं। चूंकि हम भी तैयारी कर रहे थे।1995- 96 में हमने पीएससी का परिक्षा दिया था और उसमें हम पास भी कर लिए थे।

लेकिन दादा हीरासिंह मरकाम के अनुसार यह कहा गया कि बेटा इतना पढने लिखने के बाद तुम नौकर बनोगे कि मालिक और यही बात हमको घर कर गई। फिर दादा के एक हफ्ते भर सोंचने के लिए वक्त देने के बाद हम दादा से मिले तब हमने सोंच करके कहा कि दादा इतना पढने लिखने के बाद हम नौकर बनेंगे ठीक नही है। तब हमने दादा से पूछा कि मालिक कैसे बनेंगे तो दादा हीरा सिंह मरकाम ने कहा कि इतना पढ़ने लिखने के बाद आपका ज्ञान समाज के अंतिम व्यक्ति तक मिले।

तब जा करके हमने ये तय कर लिया कि हमको नौकरी चाकरी नही करना है और इस तरह हमने ज्वाइन भी नही किया। सीधा दादा हीरासिंह मरकाम के साथ उनके समग्र गोंडवाना आंदोलन में हम भागीदारी निभाए। फिर धीरे-धीरे यहां पर दादा के साथ 27 साल चलने के बाद दादा ने गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का जनरल सेकेट्री नियुक्त कर दिया। पूरे देश में चाहे मध्यप्रदेश हो , छत्तीसगढ़ हो, तेलंगाना हो , उडीसा हो , उत्तर प्रदेश हो, बिहार हो , झारखंड हो हम पार्टी का जनाधार बनाने के काम में लग गए।

                    सवाल पूछने पर उन्होने कहा कि मै अकेला तो हूं नही कि मै कह दूं किसके साथ जाऊंगा। उस परिस्थिती में चूंकि हम गठबंधन में चल रहे हैं पार्टी फोरम में तय किया जाएगा। दोनो पार्टी के लोग बैठेंगे और तय करेंगे कि हमको किसके साथ चलना चाहिए ताकि हम समाज का और इस क्षेत्र का विकास कर सकें।

                   भरतपुर-सोनहत में हुए विकास के बारे में पूछने पर उन्होने कहा कि मै कल (गुरूवार) ही गया था। रजपुरी , भलवार, परिहत सोनहत ब्लाक मुख्यालय से मात्र 2 किमी की दूरी पर है। न बिजली है न सडक है न पानी है उधर तंजरा साइड गया था उधर लोग तुर्रा का पानी पीते हैं। मै ऊपर बडगांवकला , चनवारीडांड, शिवपुर गया था वहां लोग ढोढी से पानी पीते हैं। यह स्थति है।

                        भरतपुर-सोनहत विधानसभा में दोनो डोली वाली माइन के विषय में पूछने पर उन्होने कहा कि माइंस का जो नियम कानून है उसके तहत तो कोयला का उत्खनन हो रहा है। भारतीय संविधान में पेसा कानून लागू हो चुका है उसके तहत जो क्षेत्र पांचवी अनुसूची में है उस पर यहां के किसानों मजदूरों का जो रायल्टी तय होना था वह नही हो पाया है। अगर यहां की जनता हमको आशिर्वाद देती है तो इस बात को हम सदन में प्रमुखता से रखने का कार्य करेंगे।

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