छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
लातेहार 20 अक्टूबर 2023। नवरात्र के मौके पर झारखंड की लातेहार जिला पुलिस ने अनोखा अभियान चलाते हुए मानव तस्करी की शिकार हुई बच्चियों को तस्करों के चंगुल से मुक्त कराकर उन्हें उनके परिजनों तक पहुंचा रही है। लातेहार जिले के महुआडांड़ प्रखंड और इसे सटे हुए छत्तीसगढ़ के इलाकों में रहने वाले गरीब परिवार की बच्चियों को मानव तस्कर गैंग के द्वारा देश के बड़े शहरों में ले जाकर घरेलू नौकरानी समेत अन्य कार्यों में लगाया जाता है। इस दौरान तस्करों के द्वारा बच्चियों के साथ शोषण भी किया जाता है। फील्ड विजिट के दौरान पुलिस अधीक्षक अंजनी अंजन को जब इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने इसे पूरी गंभीरता से लिया। मामले की छानबीन और लड़कियों को सुरक्षित वापस घर तक पहुंचाने के लिए इन्होंने एक विशेष टीम का गठन किया। विशेष टीम में शामिल पुलिस अधिकारियों ने दिल्ली समेत देश के कई अन्य बड़े शहरों में जाकर छापेमारी की। पुलिस का यह अभियान पहले चरण में ही काफी सफल रहा है। छापेमारी में 16 नाबालिग बच्चियों को सुरक्षित बरामद कर लिया गया है। इसके अलावा एक बच्चे को भी पुलिस ने तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया है। गुरुवार को बच्चियों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया। इस संबंध में जानकारी देते हुए अंजन ने बताया कि बच्चियों के संबंध में जब उन्हें जानकारी मिली तो उन्होंने बच्चियों को सुरक्षित बरामद करने की योजना बनाई। पहले चरण में 16 लड़कियों और एक बच्चे को मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया गया है। उन्होंने बताया कि मानव तस्करी के धंधे में शामिल 7 लोगों को चिन्हित कर पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया है। टीम के द्वारा अभी लगातार छापेमारी की जाएगी। संभावना है कि जल्द ही अन्य बच्चियों को भी सुरक्षित बरामद करते हुए उनके घर तक पहुंचा दिया जाएगा।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मानव तस्करी के मामले में शामिल लातेहार के रहने वाले आरोपी एनिमा नगेसिया, शैलेंद्र नगेसिया, मनोज प्रसाद, संदीप कुमार, इसके अलावा चाईबासा के विकास नगेसिया और दिल्ली की सुनीता मुंडा को गिरफ्तार किया गया है। उधर, पुलिस के द्वारा बच्चियों को जब उनके परिजनों से मिलाया गया तो बच्चों के माता-पिता और बच्चियां भावुक हो गईं। एक अभिभावक ने बताया कि उनकी बच्ची पिछले 5 वर्षों से लापता थी। गांव का ही एक व्यक्ति काम दिलवाने के नाम पर लेकर आया था, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से उनकी बेटी का संपर्क उन लोगों से नहीं हो पा रहा था। घर के लोग काफी परेशान थे कई बार ढूंढने का भी प्रयास किया, लेकिन कुछ सफलता नहीं मिल रही थी। पुलिस ने नेक काम करते हुए उनकी बच्ची को सुरक्षित उनसे मिला दिया। वहीं, बच्चियों को बरामद करने में पुलिस इंस्पेक्टर चंद्रशेखर चौधरी, अवर निरीक्षक सुमित यादव, आशुतोष यादव, मोहम्मद जफर आलम, अजय कुमार दास, राहुल कुमार मेहता, दिलीप कुमार दास, पुलिस कर्मी श्रीकांत कुमार, पंकज कुमार, मूगी सोरेन, गोदलिवा कुजूर आदि की भूमिका महत्वपूर्ण रही।