छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
चेन्नई 03 सितम्बर 2023। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया से की है। इस बयान पर विवाद शुरू हो गया है। तमिलनाडु भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई ने स्टालिन परिवार पर पलटवार किया। तमिलनाडु भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई ने कहा कि गोपालपुरम परिवार का एकमात्र संकल्प राज्य सकल घरेलू उत्पाद से अधिक संपत्ति जमा करना है। उन्होंने आगे कहा कि उदयनिधि और उनके पिता के विचार ईसाई मिशनरियों से प्रभावित हैं। इन मिशनरियों का काम अपनी दुर्भावनापूर्ण विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए इन जैसे मूर्खों को विकसित करना हैं। अन्नामलाई ने कहा कि तमिलनाडु अध्यात्म की भूमि है। उन्होंने कहा कि सबसे अच्छा काम जो आप कर सकते हैं। वह है इस तरह के कार्यक्रम में माइक पर अपनी निराशा व्यक्त करना।
उदयनिधि बयान पर कायम
वहीं, तमिलनाडु के युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री उदयनिधि स्टालिन अपने बयान पर कायम हैं। उन्होंने कहा कि वह अपने शब्दों पर कायम हैं और सनातन पर अपनी टिप्पणी से राजनीतिक विवाद पैदा होने के बाद किसी भी कानूनी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं। उदयनिधि ने सनातन उन्मूलन सम्मेलन में बोलते हुए कहा था कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है। कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें ही खत्म किया जाना चाहिए। हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते। हमें इसे खत्म करना होगा। इसी तरह हमें सनातन को खत्म करना है। खेल विकास मंत्री ने आगे कहा कि सनातन नाम संस्कृत का है। यह सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है।
सनातन धर्म के अनुयायियों के नरसंहार’ का आह्वान
वहीं, उदयनिधि के बयान पर भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने लिखा कि मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को मलेरिया और डेंगू से जोड़ा है। उनका मानना है कि इसे खत्म किया जाना चाहिए और केवल विरोध नहीं किया जाना चाहिए। संक्षेप में वह सनातन धर्म का पालन करने वाली भारत की 80 प्रतिशत आबादी के नरसंहार के लिए आह्वान कर रहे हैं। द्रमुक विपक्षी गुट का एक प्रमुख सदस्य और कांग्रेस का लंबे समय से सहयोगी है।
उदयनिधि स्टालिन अपने रुख पर कायम
भाजपा नेता अमित मालवीय को जवाब देते हुए उदयनिधि ने कहा कि मैंने कभी भी सनातन धर्म का पालन करने वाले लोगों के नरसंहार का आह्वान नहीं किया। सनातन धर्म एक ऐसा सिद्धांत है, जो लोगों को जाति और धर्म के नाम पर बांटता है। सनातन धर्म को उखाड़ना ही मानवता है। उन्होंने कहा कि मैं अपने कहे हर शब्द पर कायम हूं। मैंने उत्पीड़ितों और हाशिये पर पड़े लोगों की ओर से बात की, जो सनातन धर्म के कारण पीड़ित हैं।
उन्होंने कहा कि मैं सनातन धर्म और उसके समाज पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव पर गहन शोध करने वाले पेरियार और अंबेडकर के लेखन को किसी भी मंच पर प्रस्तुत करने के लिए तैयार हूं। उन्होंने कहा कि मैं फिर बता दूं जो मैंने कहा- मेरा मानना है कि मच्छरों द्वारा कोविड -19, डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों के फैलने की तरह, सनातन धर्म कई सामाजिक बुराइयों के लिए जिम्मेदार है। उन्होंने आगे कहा कि मैं अपने रास्ते में आने वाली किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हूं। चाहे वह अदालत हो या जनता की अदालत हो। साथ ही उन्होंने आग्रह किया कि फर्जी खबरें फैलाना बंद करें।