छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
अहमदाबाद 04 जुलाई 2024। भगवान जगन्नाथ की 147वीं वार्षिक रथ यात्रा सात जुलाई को अहमदाबाद में निकलेगी। इस धार्मिक आयोजन में देवी-देवताओं के दर्शन के लिए मार्ग के दोनों ओर लाखों लोग एकत्रित होते हैं। इस आयोजना की सुरक्षा के लिए 18,000 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे। इस संबंध में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने पुलिस विभाग के साथ एक बैठक कर तैयारियों के बारे में जानकारी हासिल की। बुधवार को एक आधिकारिक विज्ञप्ति जारी की गई, जिसमें बताया गया कि मुख्यमंत्री पटेल ने विशाल धार्मिक आयोजन के संबंध में पुलिस विभाग की एक समीक्षा बैठक की। बैठक के दौरान सीएम ने आयोजन के लिए पुलिस की तैयारियों के बारे में जानकारी हासिल की। इस दौरान अहमदाबाद के पुलिस आयुक्त जीएस मलिक ने रथ यात्रा के विभिन्न सुरक्षा पहलुओं पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी।
मलिक ने सीएम को बताया कि भगवान जगन्नाथ की 147वीं रथ यात्रा के लिए अहमदाबाद में 16 किमी लंबे मार्ग पर पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) रैंक के अधिकारियों सहित 18,784 सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे। इनमें से 4,500 कर्मी पूरे मार्ग पर जुलूस के साथ चलेंगे, जबकि 1,931 कर्मी यातायात प्रबंधन के लिए तैनात किए जाएंगे। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एक नियंत्रण कक्ष से जुड़े 1,733 बॉडी-वॉर्न कैमरों का उपयोग करके जुलूस पर कड़ी नजर रखेंगे। इसके अलावा मार्ग पर 47 स्थानों पर 20 ड्रोन और 96 निगरानी कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा, मार्ग पर दुकानदारों द्वारा लगाए गए लगभग 1,400 सीसीटीवी कैमरों का भी लाइव निगरानी के लिए उपयोग किया जाएगा। वहीं, चिकित्सा आपात स्थिति से निपटने के लिए पांच सरकारी अस्पतालों में 16 एंबुलेंस और चिकित्सा टीमें स्टैंड-बाय पर रहेंगी। नागरिकों की मदद के लिए पूरे मार्ग पर 17 हेल्प डेस्क स्थापित किए जाएंगे।
बता दें कि रथ यात्रा सुबह सात बजे जमालपुर क्षेत्र में स्थित 400 साल पुराने भगवान जगन्नाथ मंदिर से शुरू होगी। पुराने शहर के विभिन्न इलाकों से होकर रात 8 बजे तक वापस मंदिर पर पहुंचेगी। जुलूस में 18 सजे हुए हाथी, 100 ट्रक और 30 अखाड़े (स्थानीय व्यायामशाला) शामिल होते हैं। भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के रथों को सदियों पुरानी परंपरा के अनुसार खलाशी समुदाय के सदस्यों द्वारा खींचा जाएगा। समीक्षा बैठक के दौरान गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी और पुलिस महानिदेशक विकास सहाय भी मौजूद रहे।