कृषि बिल पर प्रधानमंत्री मोदी ने की बात
महात्मा गांधी और वीर भगत सिंह को किया याद
कार्यक्रम में प्रेरक प्रसंग उठाए, कहानियां भी सुनीं
छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 27 सितंबर 2020। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात में देश की जनता को संबोधित किया। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अलग-अलग मुद्दों पर अपनी बात रखते हैं और देश की जनता से रूबरू होते हैं। प्रधानमंत्री ने आज के कार्यक्रम में लोगों से कहानिया भी सुनीं. उन्होंने कई प्रेरक प्रसंग उठाए. महात्मा गांधी, भगत सिंह से लेकर खेती-किसानी तक के मुद्दे पर बात की. उन्होंने कृषि बिल के फायदे बताए।
प्रधानमंत्री ने देश के लोगों से कोरोना संक्रमण से बचने की अपील की। उन्होंने हर प्रकार के एहतियात बरतने की बात कही। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि जब तक दवा नहीं आ जाती तब कोई ढिलाई नहीं बरतनी चाहिए।
महात्मा गांधी को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, गांधी जी के विचार आज ज्यादा प्रासंगिक हैं. 2 अक्टूबर हमारे लिए प्रेरक और पवित्र दिवस है।
शहीद भगत सिंह को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, भगत सिंह का जज्बा हमारे दिलों में होना चाहिए। भगत सिंह का देश की आजादी में बहुत बड़ा योगदान है. शहीद वीर भगत सिंह का नमन करता हूं। उस 23 साल के युवक से अंग्रेजी हुकूमत डर गई थी. प्रधानमंत्री ने कहा, कल, 28 सितम्बर को हम शहीद वीर भगतसिंह की जयंती मनायेंगे. मैं, समस्त देशवासियों के साथ साहस और वीरता की प्रतिमूर्ति शहीद वीर भगतसिंह को नमन करता हूं।
प्रधानमंत्री ने कहा, हरियाणा के एक किसान भाई में मुझे बताया कि कैसे एक समय था जब उन्हें मंडी से बाहर अपने फल और सब्जियां बेचने में दिक्कत आती थी। लेकिन 2014 में फल और सब्जियों को APMC Act से बाहर कर दिया गया, इसका उन्हें और आसपास के साथी किसानों को बहुत फायदा हुआ । इन किसानों के अपने फल – सब्जियों को कहीं पर भी, किसी को भी बेचने की ताकत है और ये ताकत ही उनकी इस प्रगति का आधार है।
प्रधानमंत्री ने कहा, कोरोना संकट के काल में भी कृषि क्षेत्र ने अपना दमखम दिखाया है. देश के किसान, गांव जितना मजबूत होंगे, देश उतना आत्मनिर्भर होगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों की मजबूती से ही आत्मनिर्भर भारत की नींव बनेगी. किसान मजबूत होगा तो भारत आत्मनिर्भर बनेगा. पीएम ने कहा, हमारे यहां कहा जाता है, जो जमीन से जितना जुड़ा होता है, वो बड़े से बड़े तूफानों में भी अडिग रहता है. कोरोना के इस कठिन समय में हमारा कृषि क्षेत्र, हमारा किसान इसका जीवंत उदाहरण है। आज किसानों को अपनी मर्जी से उपज बेचने की आजादी मिली है. बीते कुछ समय में इन क्षेत्रों ने खुद को अनेक बंदिशों से आजाद किया है, अनेक मिथकों को तोड़ने का प्रयास किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा, मैं अपने जीवन में बहुत लंबे अरसे तक एक परिव्राजक के रूप में रहा. घुमंत ही मेरी जिंदगी थी. हर दिन नया गांव, नए लोग, नए परिवार. भारत में कहानी कहने की, या कहें किस्सा-कोई की, एक समृद्ध परंपरा रही है. हमारे यहां कथा की परंपरा रही है. ये धार्मिक कहानियां कहने की प्राचीन पद्धति है।
प्रधानमंत्री ने कहा, हर परिवार में कोई-न-कोई बुजुर्ग, बड़े व्यक्ति परिवार के, कहानियां सुनाया करते थे और घर में नई प्रेरणा, नई ऊर्जा भर देते हैं. कहानियां, लोगों के रचनात्मक और संवेदनशील पक्ष को सामने लाती हैं, उसे प्रकट करती हैं। कहानी की ताकत को महसूस करना हो तो जब कोई मां अपने छोटे बच्चे को सुलाने के लिए या फिर उसे खाना खिलाने के लिए कहानी सुना रही होती है।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों से कोरोना काल में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने की अपील की. मन की बात कार्यक्र में प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के समय में दो गज की दूरी बनाए रखना जरूरी है। प्रधानमंत्री ने कहा, कोरोना के इस कालखंड में पूरी दुनिया अनेक परिवर्तनों के दौर से गुजर रही है। आज, जब दो गज की दूरी एक अनिवार्य जरूरत बन गई है, तो इसी संकट काल ने, परिवारों के सदस्यों को आपस में जोड़ने और करीब लाने का काम भी किया है. हमें, जरूर एहसास हुआ होगा कि हमारे पूर्वजों ने जो विधायें बनाई थीं, वो आज भी कितनी महत्वपूर्ण हैं और जब नहीं होती हैं तो कितनी कमी महसूस होती है।
पिछले महीने मन की बात कार्यक्रम में क्या कहा?
पिछले महीने मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने लोकल के लिए वोकल बनने की अपील की थी। खासकर खिलौना निर्माण में भारतीय लोगों को आगे आने की अपील की थी।
पिछले मन की बात में प्रधानमंत्री ने कहा था, हमारे देश में लोकल खिलौनों की बहुत समृद्ध परंपरा रही है. कई प्रतिभाशाली और कुशल कारीगर हैं, जो अच्छे खिलौने बनाने में महारत रखते हैं. भारत के कुछ क्षेत्र टॉय क्लस्टर यानी खिलौनों के केंद्र के रूप में भी विकसित हो रहे हैं. प्रधानमंत्री ने कहा, ग्लोबल टॉय इंडस्ट्री 7 लाख करोड़ से भी अधिक की है. 7 लाख करोड़ रुपयों का इतना बड़ा कारोबार, लेकिन भारत का हिस्सा उसमें बहुत कम है. जिस राष्ट्र के पास इतने विरासत हो, परंपरा हो, क्या खिलौनों के बाजार में उसकी हिस्सेदारी इतनी कम होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में किसानों की चर्चा की. उन्होंने कहा कि ऋगवेद में मंत्र है- अन्नानां पतये नमः, क्षेत्राणाम पतये नमः अर्थात अन्नदाता को नमन है। किसान को नमन है. किसानों ने कोरोना जैसे कठिन समय में अपनी ताकत को साबित किया है. हमारे देश में इस बार खरीफ की फसल की बुआई पिछले साल के मुकाबले 7 प्रतिशत ज्यादा हुई है।