छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
बेंगलुरु 09 अप्रैल 2022। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को अपने मंत्रिमंडल विस्तार के लिए अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। केंद्रीय नेतृत्व राज्य सरकार और संगठन में बड़े बदलाव के पक्ष में हैं और लगभग एक दर्जन मंत्रियों को बदले जाने की संभावना है। राज्य में 16-17 अप्रैल को होने वाली प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक के बाद ही इस बारे में फैसला होने की उम्मीद है। बसवराज बोम्मई की संगठन के साथ पटरी नहीं बैठ पा रही है। यही वजह है कि वह न तो अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर पा रहे हैं और न ही जमीनी चुनावी तैयारियों पर आगे बढ़ पा रहे हैं। संगठन में भी दिक्कत है कि वह भी सरकार का सहयोग न मिलने की बात कह रहा हैं।
बीते दिनों कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने दिल्ली आकर मंत्रिमंडल विस्तार के मुद्दे पर नेतृत्व से चर्चा की थी। बोम्मई की पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात हो गई थी, लेकिन गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात नहीं हो सकी थी जिसके चलते मंत्रिमंडल विस्तार के लिए उनको अभी और इंतजार करना पड़ेगा।
कर्नाटक की भाजपा की राजनीति में एक ध्रुव राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष भी हैं। उनका राज्य की राजनीति में काफी दखल है, जिसके कारण फैसला होने में भी दिक्कत आ रही है। प्रदेश भाजपा का एक खेमा संतोष के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है, लेकिन संतोष राष्ट्रीय महामंत्री के पद पर होने के कारण काफी प्रभावी हैं। ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष को बदले जाने के मुद्दे पर भी मतभेद बने हुए हैं। जहां बोम्मई खेमा प्रदेश अध्यक्ष को बदले जाने की मुहिम छेड़े हुए है, वहीं दूसरा खेमा इसके खिलाफ है।
पार्टी नेतृत्व इस बात पर विचार कर रहा है कि कर्नाटक में बड़े पैमाने पर मंत्रिमंडल में फेरबदल किया जाए। ऐसे में एक दर्जन मंत्रियों को हटाए जाने की संभावना है। दरअसल कई मंत्री विवादित हैं और अपने क्षेत्रों में कमजोर भी पड़े हैं। ऐसे में पार्टी नए चेहरों को सामने लाने के पक्ष में है ताकि जनता के बीच अच्छा संदेश दिया जा सके। इसके अलावा दूसरे दलों से आए नेताओं को भी सरकार में जगह मिल सकती है।