पहाड़ी कोरवा बच्चों के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान और चिरायु योजना बनी वरदान

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छत्तीसगढ़ रिपोर्टर

रायपुर 18 अप्रैल 2023। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा चलाई जा रही स्वास्थ्य योजनाएं जशपुर की पहाड़ी कोरवा जनजाति के बच्चों के लिए वरदान साबित हो रही हैं। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत बेहतर देखभाल की व्यवस्था होने से जिले में बीते चार सालों में 1,674 कुपोषित बच्चों में से 765 बच्चे सुपोषित हुए हैं। वहीं, चिरायु योजना का लाभ 89 बच्चों मिला है। इनमें से जन्मजात हृदय रोग के पांच, दृष्टि दोष के 13, रक्ताल्पता के सात, अतिकुपोषित के छह, होंठ एवं तालू विकृति का एक, त्वचा रोग के 23, दन्त रोग के 11, कान संक्रमण के नौ एवं अन्य बीमारियों के 14 बच्चों का इलाज कराया गया है। इनमें से सात का रायपुर में ऑपरेशन कराया है। वहीं, मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना के तहत विकासखण्ड बगीचा एवं मनोरा के विभिन्न क्षेत्रों में संचालित हाट बाजार में 6,317 हितग्राहियों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिला है। साथ ही 27 स्वास्थ्य शिविरों में 1,369 हितग्राहियों को लाभ मिला है। 

इधर, शासन द्वारा पहाड़ी कोरवा युवाओं को शासकीय सेवा में नियुक्ति देने की पहल भी जारी है। जशपुर जिले में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों पर 54 युवाओं की सीधी भर्ती की गई है। वहीं 146 शिक्षक के पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया अंतिम चरण में है। वहीं कौशल उन्नयन योजना के तहत 40 युवाओं को प्लम्बर ट्रेनिंग देने के साथ ही टूल किट वितरित की गई है। इसके अलावा जिले के जनजाति के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए आवासीय विद्यालय की सुविधा भी राज्य शासन द्वारा दी जा रही है। इसके तहत अवासीय विद्यालय रूपसेरा में 110 बच्चे रहकर पढ़ रहे हैं। वहीं, आश्रम छात्रावासों में 970 पहाड़ी कोरवा, एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, संकल्प शिक्षण संस्थान एवं प्रयास आवासीय विद्यालय जशपुर में 40 जबकि स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ठ विद्यालय में सात पहाड़ी कोरवा बच्चे अध्ययनरत हैं। 30 बच्चों को विधानसभा का भ्रमण कराया गया है। बगीचा में तीरंदाजी प्रशिक्षण केन्द्र खोला गया है। 

पहाड़ी कोरवा बहुल क्षेत्रों ने पकड़ी विकास की राह
जशपुर जिले की पहाड़ी कोरवा जनजाति को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार निरंतर प्रयासरत है। माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में प्रदेश में पहाड़ी कोरवा जनजाति की चिकित्सा और शिक्षा के लिए तो विभिन्न योजनाएं संचालित हैं ही, साथ ही पहाड़ी कोरवा बहुल इलाकों में भी विभिन्न विकास कार्य करवाए जा रहे हैं। इसके तहत जहां जिले के सन्ना विकासखंड बगीचा में नवीन तहसील कार्यालय शुरू हो चुका है, और यहां प्रभारी तहसीलदार की पदस्थापना भी कर दी गई है। वहीं, महादेवडांड़ विकासखंड बगीचा में पुलिस चौकी खोली गई है। इसके अलावा 39 ग्राम पंचायतों में 64 देवगुड़ी बनाए जाने की भी योजना हैं, जिनमें से 40 का निर्माण हो चुका है। वहीं 24 का निर्माण चल रहा है। साथ ही साथ मुख्यमंत्री मजरा-टोला विद्युतीकरण योजना के तहत बुटंगा ग्राम पंचायत के रंगपुर में विद्युतीकरण पूरा किया चुका है। वहीं, 29 मजराटोलों के लिए विद्युतीकरण कार्य जल्द पूर्ण हो जाएगा।  

पहाड़ी कोरवा जनजाति के विकास के लिए ये योजनाएं भी की जा रहीं संचालित 
तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों पर 54 युवाओं की सीधी भर्ती की गई है। वहीं, 146 शिक्षक के पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया अंतिम चरण में है। कौशल उन्नयन योजना के तहत 40 युवाओं को प्लम्बर ट्रेनिंग देने के साथ ही टूल किट वितरित की गई है। अवासीय विद्यालय रूपसेरा में 110 बच्चे रहकर पढ़ रहे हैं। वहीं, आश्रम छात्रावासों में 970 पहाड़ी कोरवा, एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, संकल्प शिक्षण संस्थान एवं प्रयास आवासीय विद्यालय जशपुर में 40 जबकि स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ठ विद्यालय में सात पहाड़ी कोरवा बच्चे अध्ययनरत हैं। 30 बच्चों को विधानसभा का भ्रमण कराया गया है। बगीचा में तीरंदाजी प्रशिक्षण केन्द्र खोला गया है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत बीते चार वर्षों में 1674 कुपोषित पहाड़ी कोरवा बच्चों चिह्नित कर 765 बच्चे कुपोषण किया गया। वहीं 89 हितग्राही बच्चों को चिरायु योजना का लाभ मिला है। इनमें से सात का रायपुर में ऑपरेशन कराया है।

मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना के तहत  विकासखण्ड बगीचा एवं मनोरा के विभिन्न क्षेत्रों में संचालित हाट बाजार में 6317 हितग्राहियों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिला है। वहीं 27 स्वास्थ्य शिविरों में 1369 हितग्राहियों को लाभ मिला है। सौर सुजला योजना के तहत 138 हितग्राही कृषकों को सोलर पंप दिए गए हैं। जिसमें 102 की स्थापना हो चुकी है। 36 का काम चल रहा है। 80 परिवारों को कृषि कार्य के लिए एक जोड़ी बैल भी दिए गए है। खाद्य सुरक्षा अधिनियम अन्तर्गत जिले के समस्त 4315 पहाड़ी कोरवा परिवारों को अन्त्योदय राशन कार्ड जारी किए जा चुके हैं। 697 आवेदकों को 535.708 हेक्टेयर भूमि का वन अधिकार पत्र जारी किए गए। एनआरएलएम योजना के तहत 1614 पहाड़ी कोरवा महिलाओं के द्वारा 166 स्व-सहायता समूहों का गठन किया गया है। इनमें से 48 समूहों को आरएफ के माध्यम से 7.20 लाख रुपए जबकि 18 समूहों को सीआईएफ के माध्यम से 10.80 लाख रुपए जारी किए गए हैं।

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