छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 25 फरवरी 2023। ईरान से बड़ी खबर आ रही है। यहां ईरान के टॉप कमांडर ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को जान से मारने की धमकी दी है। इसके लिए 1650 किलोमीटर दूर तक वार करने की क्षमता रखने वाली एक क्रूज मिसाइल तैयार करने का भी दावा किया है। शुक्रवार को ईरान के टॉप कमांडर अमीराली हाजीजादेह ने ट्रम्प को मारने की धमकी देते हुए कहा कि जल्द ही वो अपने कमांडर की हत्या का बदला लेंगे। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच ईरान की इस धमकी ने पश्चिमी देशों और अमेरिका की चिंता बढ़ा दी है। बता दें कि 2020 में अमेरिकी ड्रोन हमले में ईरान के तत्कालीन सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत हो गई थी। इसके जवाबी कार्रवाई में ईरान ने अमेरिकी सेना पर बैलिस्टिक मिसाइल से हमला किया था।
और कमांडर ने क्या-क्या बोला?
ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स एयरोस्पेस फोर्स के प्रमुख अमीराली हाजीजादेह ने कहा कि शीर्ष कमांडर रहे कासिम सुलेमानी की मौत का बदला लेने के लिए ईरान तैयार है। एक स्टेट टीवी चैनल से बातचीत में अमीराली ने कहा, ‘हम उस शख्स को मारने के लिए तैयार हैं, जिसके आदेश पर हमारे कमांडर सुलेमानी की हत्या की गई थी। हम अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को नहीं छोड़ेंगे। उन्हें मारना चाहते हैं। अमीराली ने आगे कहा, ‘1650 किलोमीटर की दूरी तक मारक क्षमता रखने वाली क्रूज मिसाइल को इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान के मिसाइल शस्त्रागार में जोड़ा गया है।’ उन्होंने कहा, ‘2020 में बेकसूर जवानों को मारने का उनका कोई ईरादा नहीं था, लेकिन जब उसने (अमेरिका) बगदाद में ड्रोन हमला किया और हमारे सैन्य कमांडर सुलेमानी की हत्या कर दी तो जवाबी कार्रवाई में हमें उनपर बैलिस्टिक मिसाइल दागना पड़ा।’
ईरान के टॉप कमांडर ने अपने इंटरव्यू में कहा, ‘अल्लाह ने चाहा तो हम ट्रम्प को मारेंगे। सुलेमानी को मारने का आदेश जारी करने वाले सैन्य कमांडरों को मार दिया जाना चाहिए।’ इसके पहले ईरान के कई नेता सुलेमानी की हत्या का बदला लेने की बात कह चुके हैं।
ईरान की बढ़ती ताकतों से पश्विमी देशों में हलचल तेज
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच ईरान ने अपने मिसाइल कार्यक्रमों का विस्तार किया है। तेहरान का कहना है कि यह विस्तार कार्यक्रम विशुद्ध रूप से रक्षात्मक और निवारक प्रकृति है। हालांकि, ईरान के इस कदम से पश्चिमी देशों में हलचल तेज हो गई है। रूस को ड्रोन और मिसाइल देने के सवाल पर ईरान ने कहा कि यूक्रेन से युद्ध शुरू होने से पहले ही मास्को को ड्रोन की आपूर्ति की गई थी। कहा जाता है कि इन्हीं ड्रोन का इस्तेमाल रूस ने यूक्रेन के बिजली स्टेशनों और नागरिक बुनियादी ढांचों को निशाना बनाने के लिए किया था।