छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 02 अप्रैल 2023। इसरो ने रविवार को एक और कामयाबी हासिल की. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने डीआरडीओ और भारतीय वायुसेना की मदद से RLV LEX का सफलतापूर्वक संचालन किया. इस रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल ऑटोनॉमस लैंडिग मिशन को आज सुबह कर्नाटक के चित्रदुर्ग के एटीआर से संचालित किया गया. सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर RLV ने उड़ान भरा और 7.40 बजे यह एटीआर एयर स्ट्रीप में लैंड किया। RLV LEX को भारतीय वायुसेना के चिनुक हेलीकॉप्टर ले लाया गया. इसे 4.5 किलोमीटर की ऊंचाई पर ले जाया गया और 4.6 किलोमीटर की रेंज पर छोड़ा गया. इसके छोड़ने के बाद रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल धीमी गति से उड़ान भरा. इसके कुछ देर बाद वह लैंडिंग गियर के साथ खुद ही एटीआर में लैंड किया. बता दें कि रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल के सहारे हम रॉकेट को दोबारा लॉन्च कर सकते हैं।
कम लागत में अच्छी तकनीक पर जोर दे रहा ISRO
इसरो इस पर काफी लंबे समय से काम कर रहा है कि कम लागत में कैसे अच्छी तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है. इस दिशा में यह वाकई एक बड़ा कदम है. इसरो प्रमुख सोमनाथ ने भी कहा था कि आने वाले दिनों में इसरो अंतरिक्ष के क्षेत्र में बड़ा कामयाबी हासिल करेगा. वह अधिक से अधिक अनुसंधान और उसके डेवलपमेंट पर ध्यान देगा. बता दें कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने अपने पहले RLV-TD HEX-01 मिशन की शुरुआत 2016 में की थी. वहीं, RLV LEX की शुरुआत 2019 में हुई थी।