छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
मौसंबी का फल याद आते ही मुंह में पानी आ जाता है। मौसंबी को मीठा नींबू भी कहा जाता है। गर्मी के दिनों में प्यास बुझाने के लिए मीठे नींबू का जूस अमृत की तरह लगता है। मौसंबी में अनेक तरह के विटामिन्स होते हैं, इसमें कैल्शियम, प्रोटीन, फाइबर, आयरन, पोटाशियम, फॉस्फोरस भरपूर मात्रा में होते हैं। आपने भी मौसंबी को बहुत बार खाया होगा, लेकिन शायद आपको इसके होने वाले सभी फायदों की जानकारी नहीं होगी। आयुर्वेद के अनुसार, मीठा नींबू वात-पित्त-दोष ठीक करता है। इस लेख में आगे हम मौसंबी के अनजाने फायदों के बारे में चर्चा करेंगे।
मौसंबी के फायदे
मौसंबी ना सिर्फ शरीर में जल की कमी को पूरा करने में मदद करता है, बल्कि कई तरह के रोगों के लिए फायदेमंद होता है। चलिये इनके बारे में जानते हैंः-
दांतों के दर्द में मौसम्बी के फायदे
दांतों का दर्द एक ऐसी आम बीमारी है जिससे हर इंसान कभी-न-कभी पीड़ित होता है। आमतौर पर यह एक ऐसी बीमारी है, जिसमें लोग सबसे पहले घरेलू उपायों को अपनाते हैं। मौसंबी का छिलका दांत के दर्द से राहत दिलाने में बहुत मदद करता है। मौसंबी के फल के छिलके को पीसकर पेस्ट बना लें, और दांत में जहां पर दर्द हो रहा है, वहां पर लगाएं। इससे दांत के दर्द से आराम मिलता है।
सांसों के रोग से आराम दिलाये मौसंबी
सांसों से संबंधित परेशानी में भी मौसंबी का प्रयोग बहुत ही लाभ पहुंचाता है। आयुर्वेद के अनुसार, 40-50 मिली मौसंबी के रस में 1 ग्राम मरिच का पाउडर, तथा सेंधा नमक मिला लें। इसका सेवन करने से सांसों की बीमारी जैसे दमा जैसे रोगों में फायदा मिलता है। सांस संबंधी समस्याओं में मौसंबी का रस बहुत फायदेमंद होता है।
हैजा में लाभकारी मौसंबी
आमतौर पर हैजा दूषित पानी पीने या खाना खाने से होने वाली बीमारी है। यह बीमारी आंत में संक्रमण होने के कारण होती है। मौसंबी का रस हैजा को ठीक करने में सहायता करता है। 50-100 मिली मौसंबी फल के रस का सेवन करने से पित्त की समस्या, उलटी, दस्त ठीक होती है।
अत्यधिक प्यास लगने की समस्या में मौसंबी का प्रयोग
कभी-कभी गला या मुंह हमेशा सूखा-सूखा महसूस होने लगता है। इसी तरह कई लोगों को बहुत अधिक प्यास लगने की शिकायत भी रहती है। इसके लिए मौसंबी फल के छिलके को सुखाकर चूर्ण कर लें। इसका सेवन करें। इससे प्यास लगने की समस्या कम हो जाती है।
दस्त में मौसम्बी के सेवन से फायदे
अक्सर खान-पान में फेरबदल होने पर, या मसालेदार खाना खाने पर, या फिर अन्य कारणों से दस्त होने लगता है। दस्त की समस्या में 50-100 मिली मौसंबी के रस में सौंफ का चूर्ण, और शक्कर मिलाकर सेवन करें। इससे दस्त और बुखार में आराम मिलता है। दस्त होने पर शरीर में जल की कमी को पूरा करने के लिए मौसंबी के जूस के फायदे (mosambi juice benefits in hindi) शरीर के लाभकारी साबित होते हैं।
मूत्र रोग में मौसंबी का उपयोग
पेशाब करते समय दर्द, जलन, या पेशाब रुक-रुक कर आने जैसी समस्याएं आ रही हैं तो इस रोग में मौसंबी का उपयोग कर लाभ पा सकते हैं। इसके लिए 50-100 मिली फल के रस का सेवन करें। मौसमी जूस के फायदे से शरीर को इस कष्ट से आराम मिलता है।
मुंहासे से दिलाये छुटकारा मौसंबी
मुंहासे की समस्या युवा पीढ़ी को सबसे ज्यादा होती है। इससे सौन्दर्य पर असर तो पड़ता ही है, साथ ही आत्मविश्वास पर भी असर पड़ता है। मौसंबी फल के छिलके को छाया में सुखा लें। इसे पीस लें, और इसमें मुल्तानी मिट्टी, हरिद्रा चूर्ण, तथा 1-2 बूँद नींबू का रस मिला लें। इसे चेहरे पर लगाने से झाईयां और मुंहासे आदि विकार दूर होते हैं। इससे चेहरे की कांति बढ़ती है।
वजन घटाने में मौसंबी जूस के फायदे
मौसंबी जूस के सेवन से पाचन तंत्र का कार्य बेहतर होता है जिसके कारण शरीर का मेटाबॉलिज्म अच्छा रहता है। इसी वजह से यह वजन कम करने में भी सहायक होती है। बेहतर नतीजों के लिए यदि इसे शहद के साथ सुबह नाश्ते में लिया जाए तो यह काफी हितकारी साबित होती है।