छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 19 फरवरी 2023। देश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए अपीलीय अधिकरण बनाया जाएगा। जीएसटी परिषद की शनिवार को हुई बैठक में यह फैसला किया गया। अधिकरण गठन पर मंत्रीसमूह की रिपोर्ट कुछ बदलावों के साथ स्वीकार कर ली गई। इसके लिए जीएसटी कानूनों में बदलाव करना होगा, इसलिए अंतिम मसौदे पर सदस्यों के सुझाव लिए जाएंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि गुटखा, पान मसाला और चबाने वाले तंबाकू पर कर चोरी रोकने के लिए मंत्रीसमूह की रिपोर्ट भी परिषद ने मंजूर कर ली। उन्होंने बताया, यदि किसी कंटेनर पर टैग ट्रैकिंग या डाटा लॉकर जैसे उपकरण लगे हैं, तो उन उपकरणों पर अलग से आईजीएसटी नहीं लगेगा। ऐसे कंटेनरों के लिए शून्य कर का प्रावधान भी उपलब्ध होगा। परिषद ने कोल वाशरीज या वहां से होने वाली कोयला अपशिष्ट आपूर्ति को जीएसटी छूट का प्रावधान और आगे बढ़ाने का भी फैसला भी किया है।
राब पर जीएसटी शून्य, पहले 18 फीसदी था कर
परिषद की बैठक में खुला बेचे जाने वाले राब (तरल गुड़) पर जीएसटी 18 फीसदी से घटाकर शून्य करने का फैसला किया गया है। हालांकि, इस गुड़ को पैक में लेबल के साथ बेचने पर 5 फीसदी टैक्स लगेगा।
- पेंसिल शार्पनर पर जीएसटी को 18 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी किया गया है।
पंजीकरण निरस्तगी के खिलाफ अपील के लिए अब 90 दिन
कारोबारियों को और राहत देते हुए परिषद ने फैसला किया कि जीएसटी पंजीकरण रद्द करने के फैसले के खिलाफ अब 30 के बजाय 90 दिन में अपील की जा सकेगी। यह भी सिफारिश की है कि ऐसे पुराने मामलों, जिनमें 30 दिन में आवेदन नहीं करने के कारण पंजीकरण रद्द कर दिया है, के लिए एक माफी योजना लाई जाए। यह योजना सशर्त होगी।
रिटर्न में देरी पर विलंब शुल्क तर्कसंगत बनाया
वित्त मंत्री सीतारमण ने बताया, परिषद ने 20 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाले पंजीकृत व्यक्तियों के लिए वित्त वर्ष 2022-23 के फॉर्म जीएसटीआर-9 में वार्षिक रिटर्न दाखिल करने में देरी के लिए विलंब शुल्क को तर्कसंगत बनाया है।
विलंब शुल्क 50 रुपये रोज, पहले से आधा
एक वित्त वर्ष में 5 करोड़ रुपये तक कुल कारोबार वाले पंजीकृत व्यक्तियों के लिए विलंब शुल्क 50 रुपये प्रतिदिन होगा, जो कारोबार का अधिकतम 0.04 फीसदी होगा।
- 5 करोड़ रुपये से अधिक और 20 करोड़ रुपये तक के मामले में, विलंब शुल्क प्रति दिन 100 रुपये होगा, जो कारोबार का 0.04 फीसदी होगा। अभी यह शुल्क 200 रुपये प्रति दिन और कुल कारोबार का अधिकतम 0.5 फीसदी है।