छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 21 अक्टूबर 2022। कांग्रेस के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को 2024 लोकसभा चुनाव से पहले सबसे पुरानी पार्टी को मजबूत करने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना होगा। पिछले 24 साल बाद गांधी परिवार के इतर अध्यक्ष बने खरगे के लिए सबसे पहली चुनौती गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की है। साथ ही राजस्थान व कर्नाटक में जारी अंदरूनी संघर्ष ने परेशानी और बढ़ा दी है। ऐसे में आम चुनाव से पहले पार्टी को एकजुट करना उनके लिए एक बड़ी चुनौती होगी। वह 26 अक्तूबर को आधिकारिक तौर पर पार्टी अध्यक्ष पद का कार्यभार संभालेंगे।
2023 में कर्नाटक समेत नौ राज्यों में चुनाव
हिमाचल प्रदेश और गुजरात में भाजपा की मजबूत पकड़ है। ऐसे में यहां के विधानसभा चुनाव खरगे के लिए पहली चुनौती होंगे। मौजूदा समय में केवल दो राज्यों राजस्थान और छत्तीसगढ़ में ही कांग्रेस की सरकार है। हिमाचल और गुजरात की परीक्षा के बाद 2023 में नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसमें उनका गृह राज्य कर्नाटक भी शामिल है। पार्टी में उनके लिए अनुभवी व युवाओं के बीच संतुलन बनाए रखना भी चुनौती होगा।
चुनावी सफलताओं के आधार पर होगी नेतृत्व क्षमता की परीक्षा
राजनीतिक विश्लेषक रशीद किदवई ने कहा कि खरगे के सामने कई चुनौतियां हैं, क्योंकि उन्हें ‘टीम राहुल गांधी’ के सदस्यों के साथ समन्वय करना होगा, जो एआईसीसी, सीडब्ल्यूसी और अधिकतर राज्यों में प्रमुख पदों पर काबिज हैं। वहीं, राजनीतिक समीक्षक संजय कुमार ने कहा कि पार्टी के लिए कई चुनौतियां हैं और दुर्भाग्य से खरगे की नेतृत्व करने की क्षमता का परीक्षण कांग्रेस की चुनावी सफलता के आधार पर ही किया जाएगा।
इनसे भी पड़ेगा निपटना
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के राजनीतिक अध्ययन केंद्र में एसोसिएट प्रोफेसर मनिंद्र नाथ ठाकुर ने कहा कि खरगे और कांग्रेस के सामने तीन मुख्य चुनौतियां हैं। हिंदी भाषी क्षेत्र में समर्थन आधार का पुनर्गठन, एक नया सामाजिक-आर्थिक-राजनीतिक विचार, जिससे लोगों को आकर्षित किया जा सके और संगठनात्मक संरचना में सुधार। खरगे के समक्ष कई चुनौतियां मौजूद हैं।
धांधली का आरोप लगाने पर थरूर की टीम पर बरसे मिस्त्री
कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री ने पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव में प्रत्याशी शशि थरूर की टीम के अनियमितताओं के आरोपों को खारिज किया है। साथ ही उन्होंने थरूर की टीम पर दो चेहरे, एक मीडिया के लिए और एक पार्टी की चुनाव संस्था के लिए पेश करने का आरोप लगाया। सूत्रों के अनुसार, मिस्त्री ने थरूर के मुख्य चुनाव एजेंट रहे सलमान सोज को लिखे जवाबी खत में कहा कि आपकी हर शिकायत पर हमने आपको अपने जवाब से संतुष्ट किया। आपने सहमति और संतोष प्रकट किया। इसके बावजूद आपने हमारे संज्ञान लाने से पहले इन बिंदुओं को मीडिया में उठा दिया।
उन्होंने कहा कि आपने यह भाव पैदा करने के लिए तिल का ताड़ बनाने का प्रयास किया कि पूरी प्रक्रिया आपकी उम्मीदवारी के प्रति निष्पक्ष नहीं थी। मुझे यह कहते हुए दुख है कि आपने एक चेहरा हमारे सामने यह कहते हुए पेश किया कि हमारे जवाब एवं कदमों से आप संतुष्ट हैं, दूसरा चेहरा मीडिया के समक्ष पेश किया जिसके जरिये हमारे खिलाफ ये सब आरोप लगाए गए। उन्होंने सोज के लिखे पत्र का बिंदुवार जवाब दिया है।