छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
लखनऊ 14 जनवरी 2022। उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के लिये गुरुवार को कांग्रेस के उम्मीदवारों की सूची में बेशक सबसे ज्यादा तरजीह महिलाओं को दी गयी, लेकिन प्रत्याशियों के विश्वेषण से पता चलता है कि पार्टी ने उम्र और जातीय समीकरणों का भी पूरा ध्यान रखा है। कांग्रेस की महासचिव एवं पार्टी की उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी ने 125 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की। इनमें वादे के मुताबिक 40 प्रतिशत यानि 50 महिला उम्मीदवारों को शामिल किया गया है। वहीं जाति के आधार पर सर्वाधिक 18 टिकट ब्राह्मणों को दिये गये हैं। वहीं मुसलमानों में 11 सामान्य और आठ पिछड़े वर्ग के मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट देकर कुल 19 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे हैं। अगर कांग्रेस की सूची में उम्र के आधार पर देखा जाये तो पार्टी ने सबसे कम 13 टिकट 61 साल से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को दिये हैं। इनमें चार महिलायें और नौ पुरुष शामिल हैं। उम्र के हिसाब से सर्वाधिक 67 टिकट 41 से 60 साल के उम्मीदवारों को दिया गया है। जबकि 25 से 40 साल तक की उम्र वाले उम्मीदवारों की संख्या 45 है। इनमें 24 पुरुष तथा 21 महिलायें शामिल हैं।
जातिगत आधार पर टिकटों का विश्वेषण बताता है कि कांग्रेस ने 125 उम्मीदवारों में सर्वाधिक 57 टिकट सामान्य वर्ग और 35 पिछड़े वर्ग, 32 अनुसूचित जाति एवं एक अनुसूचित जनजाति के लोगों को दिया है। सभी जातियों में 18 ब्राह्मण उम्मीदवारों के अलावा 15 जाटव, 14 राजपूत और पांच पांच यादव एवं कुर्मी जाति के उम्मीदवारों पर दांव लगाया है।
यह एक नई शुरुआतः राहुल गांधी
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए घोषित 125 उम्मीदवारों की पहली सूची में 50 महिलाओं का नाम होने का उल्लेख करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि यह एक नई शुरुआत है और उनकी पार्टी देश में बड़ा बदलाव ला रही है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ने ऐसे कई लोगों को चुनावी मैदान में उतारा है जिनके साथ भाजपा सरकार ने ”अन्याय किया।” राहुल गांधी ने फेसबुक पोस्ट में कहा, ”हम देश में एक बहुत बड़ा बदलाव ला रहे हैं और इसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश से हुई है। हमने अपना वादा पूरा करते हुए 125 प्रत्याशियों की जो सूची जारी की, उसमें 50 महिला उम्मीदवार हैं।
ख़ास बात ये है कि इन उम्मीदवारों की सूची में वो लोग भी शामिल हैं जिन्हे भाजपा सरकार के हाथों अन्याय मिला है, जैसे उन्नाव पीड़िता की मां (आशा सिंह) हैं।” उनके मुताबिक, ”इन उम्मीदवारों में एक महिला (पूनम पांडेय) हैं जिन्होंने आशा बहनों पर भाजपा सरकार के होने वाले शोषण के ख़िलाफ आवाज़ उठायी। निषाद समाज पर किए गए भाजपा सरकार के अत्याचारों के ख़िलाफ जिस महिला (अल्पना निषाद) ने सालों तक संघर्ष किया है, उन्हें भी टिकट दिया गया है। एक महिला (सदफ जाफर) हैं जिन्होंने भाजपा के देश की एकता को तोड़ने वाले सीएए के ख़िलाफ कड़ा संघर्ष किया।
उप्र के पंचायत चुनाव में भाजपा के गुंडों ने जिस महिला (रितु सिंह) पर अत्याचार किया था, वो भी इस इंसाफ के अभियान से जुड़ी हैं।” कांग्रेस नेता ने जोर देकर कहा, ”शोषण के ख़िलाफ़ लड़ेंगे भी, जीतेंगे भी और जनता के लिए इंसाफ़ की आवाज़ बनेंगे। हम जनसेवा का ड्रामा नहीं, जन भागीदारी करते हैं। जा रही है नफ़रत की राजनीति, आ रही है कांग्रेस!