सुप्रीम कोर्ट को मिले पांच नए न्यायाधीश, सीजेआई चंद्रचूड़ ने दिलाई शपथ

Chhattisgarh Reporter
शेयर करे

छत्तीसगढ़ रिपोर्टर

नई दिल्ली 06 फरवरी 2023। सुप्रीम कोर्ट को सोमवार को पांच नए न्यायाधीश मिल गए हैं।  भारत के प्रमुख न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने जजों को शपथ दिलाई। अब शीर्ष अदालत में कुल न्यायाधीशों की संख्या 32 हो गई है। सुप्रीम कोर्ट में स्वीकृत न्यायाधीशों की संख्या 34 है। राजस्थान, पटना और मणिपुर के उच्च न्यायालयों के तीन मुख्य न्यायाधीशों न्यायमूर्ति पंकज मित्तल, न्यायमूर्ति संजय करोल और पीवी संजय कुमार ने शपथ ग्रहण की। इसके साथ ही पटना उच्च न्यायालय के जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा को शपथ दिलाई गई। 

जस्टिस पंकज मित्थल : इलाहाबाद हाईकोर्ट से शुरू की थी वकालत
17 जून, 1961 को जन्मे मेरठ के रहने वाले जस्टिस पंकज मित्थल वरिष्ठता में पहले नंबर पर हैं। 1982 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से वाणिज्य में स्नातक करने के बाद 1985 में मेरठ कॉलेज से एलएलबी की डिग्री हासिल की। उसी साल उत्तर प्रदेश बार काउंसिल में पंजीकरण कराने के बाद उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकालत भी शुरू कर दी थी।

जस्टिस करोल : हिमाचल प्रदेश मूल हाईकोर्ट, पटना में थे मुख्य न्यायाधीश
वरिष्ठता में दूसरे नंबर पर जस्टिस संजय करोल हैं, जिनका मूल हाईकोर्ट हिमाचल प्रदेश है। सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त किए जाने के समय वह पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश थे। 23 अगस्त, 1961 को हिमाचल प्रदेश में जन्मे जस्टिस करोल ने शिमला के सेंट एडवर्ड स्कूल और राजकीय डिग्री कॉलेज, शिमला से शिक्षा हासिल की।

जस्टिस संजय कुमार : 1988 में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में शुरू की थी वकालत
जस्टिस पीवी संजय कुमार मूलरूप से तेलंगाना हाईकोर्ट से संबंध रखते हैं। 14 अगस्त, 1963 को जन्मे जस्टिस कुमार ने निजाम कॉलेज, हैदराबाद से स्नातक करने के बाद 1988 में दिल्ली विवि से लॉ की डिग्री हासिल की थी। जल्दी ही उन्होंने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में प्रैक्टिस शुरू कर दी। 2008 में उन्हें आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में अतिरिक्त जज नियुक्त किया गया था।

जस्टिस ए अमानुल्ला : 1991 में पटना हाईकोर्ट में शुरू की थी वकालत
11 मई, 1963 को जन्मे जस्टिस ए अमानुल्ला पटना हाईकोर्ट से संबंध रखते हैं। उन्होंने 1991 में बिहार राज्य बार काउंसिल में पंजीकरण के बाद पटना हाईकोर्ट में वकालत शुरू की थी। 20 जून, 2011 को पटना हाईकोर्ट में न्यायाधीश बनाए जाने तक वह उसी हाईकोर्ट में सरकारी वकील थे। 10 अक्तूबर, 2021 को उनका तबादला आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में कर दिया गया था।

जस्टिस मनोज मिश्र  : 2011 में बने इलाहाबाद हाईकोर्ट के अतिरिक्त जज
सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त किए गए पांच जजों में से वरिष्ठता क्रम में पांचवें स्थान पर जस्टिस मनोज मिश्र हैं। 2 जून, 1965 को पैदा हुए जस्टिस मिश्र ने 1988 में इलाहाबाद हाईकोर्ट से वकालत शुरू की थी। 21 नवंबर, 2011 को उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट में अतिरिक्त जज बनाया गया था। 6 अगस्त, 2013 को वह स्थायी जज बने थे।

Leave a Reply

Next Post

अदाणी समूह को एक और झटका, यूपी में प्रीपेड मीटर लगाने का टेंडर रद्द, अनुमानित लागत से 65 फीसदी अधिक थी दर

शेयर करे छत्तीसगढ़ रिपोर्टर लखनऊ 06 फरवरी 2023। अदाणी समूह को हिंडनबर्ग रिपोर्ट से लगे वैश्विक झटकों के बीच उत्तर प्रदेश में भी जोरदार झटका लगा है। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने कंपनी का स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का टेंडर निरस्त कर दिया है। इसकी लागत लगभग 5400 करोड़ है। […]

You May Like

अब तक 112 नक्सली ढेर, 375 ने किया सरेंडर, 153 अरेस्ट; अमित शाह ने की तारीफ, साय बोले- जारी रहेगी लड़ाई....|....विष्णुदेव साय का दावा, ओड़िशा में भाजपा का सरकार बनना तय....|....भिलाई में रची गई थी कांग्रेस नेता विक्रम बैस की हत्या की प्लानिंग, एसपी ने किया खुलासा....|....और कुछ दिनों तक दिखाई नहीं दूंगा… विराट कोहली ने संन्यास को लेकर दिया बड़ा बयान....|....प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार पर साधा निशाना, कहा- यह अमीरों का कर्ज माफ करती है किसानों का नहीं....|....सचिन तेंदुलकर के बॉडीगार्ड ने की आत्महत्या, पुलिस ने शुरु की मामले की जांच....|....इंदौर में भीषण सड़क हादसा, खड़े ट्रक में घुसी कार, 8 लोगों की दर्दनाक मौत....|....मिशन 400 पार को सफल बनाने के लिए छत्तीसगढ़ बीजेपी महिला मोर्चा चुनावी मैदान में; बिहार और ओडिशा रवाना....|....कबीरधाम में डायरिया का प्रकोप: दो गांवों में मिले करीब 80 मरीज, एक की मौत; कुएं का पानी पीने से फैली बीमारी....|....सीएम केजरीवाल बोले- मोदी की सरकार बनते ही हटाए जाएंगे योगी, अखिलेश बोले - 140 सीटों से ज्यादा नहीं जीतेंगे