छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
जमशेदपुर 17 जनवरी 2023। आदिवासी सेंगेल अभियान (एएसए) ने घोषणा की कि वह झारखंड में जैन समुदाय को चंगुल से मरंग बुरु (पारसनाथ पहाड़ी) को मुक्त करने के लिए मंगलवार से एक महीने की लंबी यात्रा शुरू करेगा। संगठन के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि एएसए के कार्यकर्ता, इसके अध्यक्ष और पूर्व सांसद सलखन मुर्मू के नेतृत्व में असम, बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड के आदिवासी बहुल पचास जिलों में प्रदर्शन करेंगे। आदिवासी संगठन के प्रमुख ने कहा, ‘मरंग बुरु बचाओ यात्रा’ फरवरी के अंतिम सप्ताह में समाप्त होने से पहले देश के सभी आदिवासी बहुल जिलों को कवर करेगी। एएसए के प्रमुख ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को 14 जनवरी को पत्र लिखा और पारसनाथ पहाड़ियों को आदिवासियों को सौंपने की अपील की।
झारखंड सरकार पर मरंग बुरु को जैन समुदाय को सौंपने का आरोप लगाते हुए पूर्व सांसद ने कहा कि सरकार ने आदिवासियों के साथ धोखा किया है। एएसए 14 फरवरी को रांची में राष्ट्रीय आदिवासी एकता महासभा के अलवा मरंग बुरु-सरना महाधरना का आयोजन करेगा। राज्य सरकार ने 2019 में पारसनाथ पहाड़ियों को पर्यटन स्थल के रूप में नामित करते हुए अधिसूचना जारी की थी। देशभर के जैन इस अधिसूचना को रद्द करने की मांग करते रहे हैं। उन्हें डर है कि इससे यहां पर्यटकों का तांता लग जाएगा, जो उनके इस पवित्र स्थल पर मांसाहारी भोजन और शराब का सेवन कर सकते हैं।
जैनियों के विरोध के बाद झारखंड सरकार के पारसनाथ पहाड़ियों पर पर्यटन को बढ़ावा देने के कदम पर केंद्र ने रोक लगा थी, लेकिन आदिवासी इस जमीन पर अपना दावा कर रहे हैं और इसे मुक्त करने की मांग करते हुए मैदान में कूद पड़े हैं। संथाल जनजाति की झारखंड, बिहार, ओडिशा, असम और पश्चिम बंगाल में अच्छी खासी आबादी है और ये प्रकृति पूजक हैं।