छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 25 अक्टूबर 2021। सेना के शीर्ष अधिकारियों के सोमवार से शुरू हो रहे कमांडर सम्मेलन में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा सहित पूरे देश में सुरक्षा चुनौतियों पर मंथन होगा। कमांडर सम्मेलन 25 से 28 अक्तूबर तक दिल्ली में चलेगा। सेना के जानकारों का कहना है कि शीर्ष सैन्य अधिकारी पिछले कुछ हफ्तों में जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों की हत्या पर भी इस बैठक के दौरान चर्चा करेंगे। उन्होंने बताया कि चार दिवसीय सम्मेलन के दौरान सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे सहित शीर्ष सैन्य अधिकारी पूर्वी लद्दाख में देश की युद्ध तैयारियों का भी जायजा लेंगे, जहां पिछल 17 महीनों से चीन के साथ सीमा विवाद बना हुआ है। उन इलाकों में कई स्थानों से दोनों देशों की सेना फिलहाल पीछे हट चुकी हैं। कमांडर सम्मेलन सैन्य अधिकारियों की उच्चस्तरीय अर्धवार्षिक बैठक है, जो हर साल अप्रैल और अक्तूबर में होती है। सम्मेलन के दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सैन्य कमांडरों को संबोधित करेंगे। इसमें सीडीएस, नौसेना और वायुसेना प्रमुख भी भारतीय सेना के शीर्ष नेतृत्व को संबोधित करेंगे।
अरुणाचल में भारतीय सेना ने बोफोर्स समेत एल-70 तोपें की तैनात
अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की चुनौती से निपटने के लिए सेना ने चौकसी बढ़ा दी है। संवेदनशील अग्रिम चौकियों पर एम 777 होवित्जर और स्वीडन की बोफोर्स तोपों के अलावा उन्नत एल 70 एंटी एयरक्राफ्ट तोपों को भी मोर्चे पर तैनात कर दिया गया है। ये तोपें चीन के लड़ाकू विमानों को चित करने में सक्षम हैं। एल 70 तोपें पहाड़ी क्षेत्र में 3.5 किलोमीटर दूर लक्ष्य को भेदने में सक्षम हैं। इनकी तैनाती से सेना की जंगी तैयारियों को बल मिलेगा। एलएसी पर पड़ोसी की किसी भी चालाकी से निपटने के लिए सेना की तैयारियां उच्च स्तर पर है। इसके तहत एकीकृत बचाव वाले इलाकों में सेना की चौकियों पर ट्रेनिंग व सैन्य अभ्यास जारी हैं। सैन्य अधिकारियों के मुताबिक करीब दो तीन महीने पहले से ही एल70 तोपों की तैनाती शुरू कर दी गई थी।