छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 19 जून 2024। दिल्ली में पानी का जबरदस्त संकट पैदा हो गया है। दिल्ली में क्या आम और क्या खास, हर इलाके में पानी की किल्लत बढ़ गई है। इसे लेकर दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली को उसके हक का पानी नहीं मिला तो 21 जून से अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठूंगी। आतिशी ने बताया कि मैंने प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिखकर विनम्र निवेदन किया है कि वो दिल्ली के लोगों को पानी दिलवाएं, चाहे हरियाणा से पानी दिलवाएं या कहीं और से लेकिन किसी भी तरह से पानी दिलवाएं। अगर 21 जून तक दिल्ली को अपने हक का 100 एमजीडी पानी नहीं मिला तो मुझे पानी के लिए सत्याग्रह शुरू करना पड़ेगा। मैं 21 जून से अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठूंगी जबतक दिल्ली वालों को उनके हक का पानी नहीं मिल जाता।
कई इलाकों में पानी की किल्लत, अस्पतालों में भी संकट
पूर्वी दिल्ली की कई कॉलोनियों में दो-तीन दिन से पानी नहीं आ रहा। विनोद नगर, मंडावली, गणेश नगर समेत कई इलाकों में पानी के लिए हाहाकार मचा है। इधर, नई दिल्ली में गोल मार्केट, बंगाली मार्केट, तिलक मार्ग, संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट और न्यायाधीशों के बंगलों में भी पानी की सप्लाई कम हो गई है। आरएमएल, कलावती और लेडी हार्डिंग जैसे अस्पताल भी पानी की कमी का सामना कर रहे हैं।
एनडीएमसी के सदस्य कुलजीत सिंह चहल ने बताया कि दिल्ली जल बोर्ड पिछले कई दिन से एनडीएमसी क्षेत्र में कम पानी दे रहा है। वजीराबाद प्लांट से पानी की सप्लाई बंद कर दी है, जिसके कारण आरएमएल, लेडी हार्डिंग जैसे कई बड़े अस्पतालों को पानी की आपूर्ति करने से परेशानी हो रही है। जल बोर्ड द्वारा एनडीएमसी को उपलब्ध कराए जाने वाले पानी की न्यूनतम मात्रा 125 एमएलडी है। मुख्य रूप से तीन जल उपचार संयंत्रों वजीराबाद, चंद्रावल और सोनिया विहार से नई दिल्ली में जल आपूर्ति होती है, लेकिन वजीराबाद जल उपचार संयंत्र 50 फीसदी से कम क्षमता के साथ चल रहा है। दिल्ली जल बोर्ड को यहां से 60 एमएलडी पानी उपलब्ध कराना था, लेकिन पानी की सप्लाई बंद है।
चहल ने बताया कि चंद्रावल जल उपचार संयंत्र 30 फीसदी कम क्षमता पर चल रहा है। यहां से 35 एमएलडी पानी मिलता था, लेकिन 20 से 25 एमएलडी पानी ही उपलब्ध कराया जा रहा है। ये पानी राष्ट्रपति एस्टेट, चाणक्यपुरी, दूतावास, पीएम हाउस, एमपी फ्लैट में पहुंचता है। सोनिया विहार जल उपचार संयंत्र 10 फीसदी कम क्षमता से चल रहा है। नई दिल्ली को इससे 30 एमएलडी पानी मिलना चाहिए, लेकिन 20 एमएलडी ही उपलब्ध कराया जा रहा है।