
छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
कीव 27 फरवरी 2022। एक ओर जहां रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के चार दिन पूरे होने वाले हैं, वहीं दूसरी ओर यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों की स्थिति बद् से बदतर हो रही है। यूक्रेन के अलग-अलग शहरों से भारतीय स्टूडेंट्स अपने परिवारवालों को वीडियो भेजकर मदद की गुहार लगा रहे हैं। यूक्रेन की राजधानी कीव में फंसे इन बच्चों के परिजन मीडिया के माध्यम से सरकार से अपील कर रहे हैं कि उनके बच्चों को वहां से रेस्क्यू किया जाए।
बिहार स्थित मोतीहारी के रहने वाले सत्यवीर प्रताप सिंह ने हिंदुस्तान से संपर्क कर सरकार तक अपनी बात पहुंचाने की गुजारिश की। सिंह ने कहा, ‘मेरी बेटी वैष्णवी सिंह कियीव में रहती है। वह जिस अपार्टमेंट में रहती है, युद्ध के बीच उसी के नीचे एक बंकर में वह और उसके साथ सात अन्य बच्चे बीते तीन दिन से छिपे हुए बैठे हुए हैं। आसपास बम ब्लास्ट हो रहे हैं। बच्चे डरे हुए हैं, उनके पास खाना भी खत्म होने वाला है और पानी भी।’ सिंह ने बताया कि बच्चों ने वीडियो शेयर कर अपने बंकर के हालात बताए हैं।
‘बिना सरकारी मदद के नहीं निकल सकते बच्चे’
सिंह ने कहा, ‘बच्चे वहां से अपने आप से निकल नहीं सकते क्योंकि वहां पास का पुल भी टूट चुका है। रोमानिया से तो बच्चे वापस आ सकते हैं लेकिन कियीव से रोमानिया तक बिना सरकार की मदद के नहीं लाया जा सकता। वहां की स्थिति बहुत खराब है।’ वैष्णवी के साथ बंकर में फंसे एक अन्य छात्र नकुल खंडेलवाल ने वीडियो भेजकर बताया, ‘हमारे पास पानी और राशन की कमी है। जो दुकानें पहले खुली थीं, वो भी अब बंद हो गई हैं। जहां हम रह रहे हैं, वहां के 5 किलोमीटर के दायरे में आधे घंटे में दो बम ब्लास्ट हो चुके हैं।
कियीव से घरवालों को भेजा वीडियो
नकुल ने कहा कि जहां से भारतीयों को रेस्क्यू किया जा रहा है वह जगह कियीव से 560 किलोमीटर दूर है। उन्होंने कहा, ‘रूस की आर्मी ने हमें चारों तरफ से घेर लिया है और वो अब सिविलियंस पर भी अटैक कर रहे हैं। कियीव में करीब तीन से चार हजार बच्चे फंसे हुए हैं।’ नकुल ने अपील की है कि सरकार उन्हें वहां से निकालने की व्यवस्था करे।