छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
कोलकाता 07 दिसंबर 2022। पिता हमेशा कहते थे देखो, सीखो और खेलो। उनके जीवन का मंत्र था, अपने अंदर के खेल को खेलो, हमेशा सीखने के लिए तैयार रहो। खिलाड़ियों को खुद से एक प्रण करना होता है, जिसे लेकर उसे आगे बढ़ना होता है। जीतता वही है, जो अच्छा खेलता है। यह बात आज कोलकाता में हॉकी वर्ल्डकप के लोकार्पण समारोह में अमर उजाला से खास बातचीत में भारतीय हॉकी के दिग्गज खिलाड़ी और मेजर ध्यानचंद के बेटे अशोक ध्यान चंद ने कही।
उल्लेखनीय है कि हॉकी बंगाल की ओर से कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में हॉकी वर्ल्डकप ट्राफी का लोकार्पण किया गया। इस मौके पर बंगाल के खेल मंत्री अरूप विश्वास, हाकी के दिग्गज गुरुबख्श सिंह, हॉकी बंगाल के अध्यक्ष बापुन बनर्जी और महासचिव इस्तियाक अली सहित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
ओलंपियन अशोक ध्यान चंद ने कहा, आज एक बार यहां आकर और हॉकी वर्ल्डकप की ट्रॉफी को देखकर मन फिर से 1975 में पहुंच गया। पुराने दिन फिर से लौट आए। मैंने भी एक दिन हॉकी वर्ल्डकप के ट्राफी के सामने खड़े होकर एक सपना देखा था। मन में प्रण किया था। वह किसी से साझा नहीं किया था लेकिन जब 1975 में हमने हॉकी विश्वकप जीता तो वह सोने का मेडल लेकर पहली बार पिता को दिखाया था। उनकी दी हुई शिक्षा देखी, सीखो और खेलो से ही यह सब कुछ संभव हो पाया था। उल्लेखनीय है कि पुरुषों का हॉकी वर्ल्डकप 13 से 29 जनवरी, 2023 को ओड़िशा के लाउलकेला और भुवनेश्वर में खेला जाएगा।
पहले हम सिखाते थे, आज हमको सीखना पड़ रहा है
एक सवाल के जवाब में अशोक ने कहा, हमारे जमाने की हॉकी थी, वह अब नहीं है। एक जमाना था जब हमारा देश दूसरों को हॉकी सिखाता था लेकिन आज वक्त आ गया है कि हमको दूसरों से सीखना पड़ रहा है। देखिए, हॉकी कहां से कहां आ गई।
इस बार भारतीय टीम पदक जीतेगी
इस समय भारतीय हॉकी टीम बहुत अच्छी है। टीम उम्मीद के अनुरूप शानदार खेल का प्रदर्शन कर रही है। टीम के खिलाड़ियों में तालमेल भी अच्छा देखने को मिल रहा है, इसके बावजूद सटीक रणनीति की जरूरत होगी। इतना जरूर है कि हमारी टीम पोडियम पर चढ़ेगी, लेकिन कौन सी जगह पर होगी, अभी कहना जल्दबाजी होगी। थोड़ा सा इंतजार कीजिए। बाकी, टीम भी काफी मेहनत कर रही हैं।