सत्ता से हटने के बाद रमन सिंह को छत्तीसगढ़ के तीज त्योहार की सुध राजनैतिक जरूरतों से आई – शैलेश नितिन त्रिवेदी

Chhattisgarh Reporter
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पन्द्रह साल सरकार में रहने के दौरान तो रमन सिंह और भारतीय जनता पार्टी ने छत्तीसगढ़ी तीज त्योहार और संस्कृति की लगातार उपेक्षा की

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा छत्तीसगढ़ी तीज त्योहारों और संस्कृति की पहचान और सम्मान किया जा रहा

छत्तीसगढ़ रिपोर्टर

रायपुर/21 अगस्त 2020। 15 वर्ष तक मुख्यमंत्री रहे रमन सिंह द्वारा तिजहारिन मन ला चिट्ठी पतरी पर प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि यह कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की बड़ी सफलता है कि जो लोग पन्द्रह सालों तक छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ी अस्मिता को भूल गये थे वे लोग भी बढ़ चढ़ कर राज्य के तीज त्योहारों को मनाने का प्रदर्शन करने को मजबूर हो गये है। यही तो है गढ़बों नवा छत्तीसगढ़ का साकार रूप। यही है पुरखों के सपनों का छत्तीसगढ़। इसीलिये पुरखों ने पृथक छत्तीसगढ़ राज्य के लिये लड़ाई लड़ी। 

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने पूछा है कि 15 साल तक रमन सिंह को तीजा की छुट्ठी देने की समझ क्यों नहीं आई? मुख्यमंत्री पद पर रहते हुये कभी तीजा की चिट्ठी लिखी नहीं लिखी। 15 साल तक छत्तीसगढ़ की लोक परंपरा, संस्कृति रीति रिवाजों, तीज-त्योहारों की अवहेलना करने के बाद अब सत्ता से हटने के बाद रमन सिंह जी को चिट्ठी लिखने की सुध आई है। 

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि सत्ता से हटने के बाद रमन सिंह को छत्तीसगढ़ के तीज त्योहार की सुध राजनैतिक जरूरतों से ही सही, कम से कम आई तो। पन्द्रह साल सरकार में रहने के दौरान तो रमन सिंह और भारतीय जनता पार्टी ने छत्तीसगढ़ी तीज त्योहार और संस्कृति की लगातार उपेक्षा की। राज्य में कांग्रेस सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा छत्तीसगढ़ी तीज त्योहारों और संस्कृति की पहचान और सम्मान किया जा रहा है। कांग्रेस सरकार ने छत्तीसगढ़ के प्रमुख त्योहारों हरेली, तीजा, माता कर्मा जयंती, छठ पूजा, आदिवासी दिवस पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री निवास में उत्साहपूर्वक छत्तीसगढ़ के लोक पर्व मना कर यह स्पष्ट संदेश दे दिया कि छत्तीसगढ़ राज्य बनने की वास्तविक सार्थकता राज्य के मिट्टी की खुशबु को सहेजने में ही है। छत्तीसगढ़ के पारंपरिक त्योहारों को गौरव के साथ मनाने की जो शुरुआत राज्य बनने के बाद हो जानी चाहिए थी वह भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री बनने के बाद शुरू हुआ। यह साबित हो गया है कि कांग्रेस सरकार की प्राथमिकता राज्य की आर्थिक सामाजिक उन्नति के साथ राज्य की संस्कृति को बढ़ावा देना है। 

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