शाह का दावा: जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 10 वर्षों में 70% घटी हिंसा

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छत्तीसगढ़ रिपोर्टर

जम्मू-कश्मीर 04 अक्टूबर 2024। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दावा किया कि पिछले दस वर्षों में कश्मीर, पूर्वोत्तर और नक्सलवाद से प्रभावित तीन हॉटस्पॉट क्षेत्रों में हिंसा की घटनाओं में 70 प्रतिशत तक की कमी आई है। शाहीबाग में अहमदाबाद पुलिस आयुक्त के नए कार्यालय भवन और संयुक्त पूछताछ केंद्र (जेआईसी) का उद्घाटन करने के बाद उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में ऐसी घटनाओं के कारण होने वाली मौतों की संख्या में भी 72 प्रतिशत की कमी आई है।

पीएम मोदी के प्रयासों से आया बदलाव- गृहमंत्री
दो दिवसीय गुजरात दौरे पर आए अमित शाह ने यह भी दावा किया कि एक बार तीनों नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा तैयार हो जाने के बाद, लोगों को प्राथमिकी दर्ज होने से लेकर सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई तक तीन साल में न्याय मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के दृढ़ निश्चय, स्थायी और प्रभावी समाधान के साथ-साथ विकासोन्मुखी दृष्टिकोण ने कश्मीर और अन्य स्थानों पर परिवर्तन लाया है, जहां पर बड़े पैमाने पर हिंसा व्याप्त थी। उन्होंने कहा, दस वर्षों में लोगों ने देश के आंतरिक सुरक्षा परिदृश्य में बड़ा बदलाव देखा है। 

पहले इन क्षेत्रों में बम विस्फोट होना आम थी- शाह
अमित शाह ने कहा कि, एक दशक पहले, इन तीन हॉटस्पॉट – कश्मीर, पूर्वोत्तर और वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में नियमित अंतराल पर बम विस्फोट होते थे। उन दिनों यह इतना आम था कि ऐसी घटनाएं समाचारों में भी नहीं आती थीं। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र के प्रयासों की बदौलत पिछले दस वर्षों में इन तीन हॉटस्पॉट में हिंसा की घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी आई है और ऐसी घटनाओं के कारण होने वाली मौतों में भी 72 प्रतिशत की कमी आई है। यह दर्शाता है कि भारत आतंकवाद और नक्सलवाद से मुक्त राष्ट्र बनने की राह पर है।

नए कानूनों को लेकर गृह मंत्री का दावा
वहीं नए आपराधिक कानूनों (भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम) के बारे में बात करते हुए गृह मंत्री शाह ने कहा कि इन्हें तैयार करते समय छोटी-छोटी बातों पर ध्यान दिया गया। हमने इन कानूनों की कई धाराओं को परिभाषित करते समय इस बात का ध्यान रखा कि 100 साल बाद भी कौन सी नई तकनीक प्रचलन में रहेगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि अगले 100 साल तक कानूनों में बदलाव की जरूरत नहीं पड़ेगी।

‘सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई तक तीन साल के भीतर मिलेगा न्याय’
गृह मंत्री ने कहा, एक बार इन कानूनों के क्रियान्वयन के लिए सभी आवश्यक बुनियादी ढांचे का निर्माण हो जाने के बाद, हमारी न्याय प्रणाली दुनिया में सबसे उन्नत हो जाएगी और लोगों को एफआईआर दर्ज होने से लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई तक तीन साल के भीतर न्याय मिल जाएगा।

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