छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
मुंबई 24 अगस्त 2022। बंदरगाह से लेकर सीमेंट समेत विभिन्न कारोबार से जुड़े अदाणी समूह ने काफी ज्यादा कर्ज ले लिया है। इसका इस्तेमाल मौजूदा व नए कारोबार में आक्रामक तरीके से निवेश करने के लिए किया जा रहा है। फिच समूह की इकाई क्रेडिटसाइट्स ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में कहा, हालात बिगड़ने पर अधिक महत्वाकांक्षी ऋण-वित्त पोषित विकास योजनाएं बड़े कर्ज जाल में बदल सकती हैं। ऐसे में संभव है कि समूह की एक या अधिक कंपनियां डिफॉल्ट कर सकती हैं।
अदाणी समूह की सात कंपनियां शेयर बाजार में सूचीबद्ध हैं। इनमें छह कंपनियों पर 2021-22 अंत तक 2.3 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था। नकदी को निकालने के बाद शुद्ध कर्ज 1.73 लाख करोड़ है। इन कंपनियों पर अमेरिकी डॉलर बॉन्ड को लेकर बकाया भी है। रिपोर्ट में कहा गया है, समूह के आक्रामक विस्तार से कर्ज एवं नकदी प्रवाह पर दबाव पड़ने के साथ जोखिम भी बढ़ा है। यह समूह के लिए चिंताजनक है।
दूसरा सबसे बड़ा उद्योग समूह
टाटा समूह के बाद अदाणी देश का दूसरा सबसे बड़ा उद्योग समूह है। कुल बाजार पूंजीकरण सोमवार तक 19.74 लाख करोड़ रुपये था। तीसरे सबसे बड़े उद्योग समूह रिलायंस इंडस्ट्रीज की बाजार पूंजी 17.94 लाख करोड़ रुपये है।
- समूह ने 1980 के दशक में जिंस कारोबारी के रूप में काम शुरू किया। फिर खान, बंदरगाह, बिजली संयंत्र, एयरपोर्ट, डाटा सेंटर, रक्षा जैसे क्षेत्रों में कदम रखा।
- हाल ही में होल्सिम की भारतीय इकाइयों का 10.5 अरब डॉलर में अधिग्रहण कर सीमेंट के साथ एल्युमिना विनिर्माण में कदम रखा है।
जोखिम.. पर मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अदाणी समूह की कंपनियों में प्रवर्तक इक्विटी पूंजी डाले जाने का पक्का साक्ष्य है, लेकिन समूह में पर्यावरणीय, सामाजिक और संचालन (ईएसजी) के स्तर पर कुछ जोखिम भी है। इसमें कहा गया है कि समूह के पास अदाणी इंटरप्राइजेज के जरिये कंपनियों के संचालन का एक मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड है। साथ ही भारतीय अर्थव्यवस्था के बेहतर तरीके से कामकाज से संबंधित बुनियादी ढांचा का एक पोर्टफोलियो भी है।
बिना अनुभव नए कारोबार में कदम
रिपोर्ट में समूह के उन क्षेत्रों में विस्तार का उल्लेख है, जहां पहले से कोई अनुभव या विशेषज्ञता नहीं है। इनमें तांबा रिफाइनिंग, पेट्रोरसायन, दूरसंचार, एल्युमीनियम उत्पादन शामिल है। माना जाता है कि नई कारोबारी इकाइयां कुछ साल तक मुनाफा नहीं कमा पातीं, उनमें आमतौर पर तुरंत कर्ज चुकाने की क्षमता नहीं होती है।
रिपोर्ट के बाद पूंजीकरण 94,000 करोड़ घटी
कंपनी कीमत (निचला स्तर) गिरावट
अदाणी इंटरप्राइजेज 2,927 रुपये 14,159 करोड़
अदाणी ग्रीन 2,347 रुपये 27,364 करोड़
अदाणी पोर्ट्स 806 रुपये 7,214 करोड़
अदाणी पावर 411 रुपये 8,331 करोड़
अदाणी विल्मर 688 रुपये 4,705 करोड़
अदाणी टोटल गैस 3,239 रुपये 13,748 करोड़
अदाणी ट्रांस 3,318 रुपये 18,824 करोड़
अडानी ग्रुप की कंपनियों के स्टॉक बुरी तरह धाराशायी हो गए
अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में लगातार दूसरे दिन गिरावट देखी जा रही है। शुरुआती कारोबार में ही अडानी ग्रुप की कंपनियों के स्टॉक बुरी तरह धाराशायी हो गए। कारोबार के दौरान अडानी ग्रुप की लिस्टेड 7 कंपनियों में से कोई भी हरे निशान पर नहीं है। सब बुरी तरह पस्त नजर आ रहे हैं।
अडानी पावर के स्टॉक में लोअर सर्किट लग गया है और यह 5 फीसदी टूटकर 390.40 रुपये के स्तर पर है। जबकि, अडानी ग्रीन एनर्जी के स्टॉक में 4.25% की गिरावट दिख रही है और यह 2310.45 रुपये के स्तर पर आ पहुंचा।
अडानी पोर्ट्स की बात करें तो 822.30 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहा है।। एक दिन पहले के मुकाबले 1.23% की गिरावट दिख रही है। वहीं, अडानी एंटरप्राइजेज के स्टॉक की बात करें तो मंगलवार को 3023.65 रुपये पर बंद हुआ। आज शुरुआती कारोबार में 1.16 फीसद गिरकर 2995.45 के स्तर पर आ गया है।
अडानी विल्मर के स्टॉक में भी बिकवाली हावी रही और यह 3.54% लुढ़क कर 665.60 रुपये के स्तर पर आ गया है। अडानी ट्रांसमिशन स्टॉक का भाव 3487.85 रुपये पर है और यह 2.91 फीसद टूट चुका है।इसी तरह, अडानी टोटल गैस के स्टॉक में 2.21% की गिरावट है। यह स्टॉक 3355 रुपये के स्तर पर आ गया है।
गिरावट की वजह क्या है
अडानी समूह की कंपनियों में गिरावट की वजह एक रिपोर्ट है। दरअसल, Fitch रेटिंग्स की क्रेडिटसाइट्स ने अडानी समूह की तरक्की पर सवाल खड़े किए हैं। ग्रुप की बैलेंश शीट से लेकर कर्ज और आक्रामक विस्तार नीति पर भी चिंता जाहिर की गई है।