छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 29 दिसंबर 2021। जम्मू और कश्मीर के चर्चित हैदरपोरा एनकाउंटर मामले में विशेष जांच टीम (SIT) ने सुरक्षा बलों को क्लीन चिट दे दी है। एसआईटी ने कहा है कि एक आम नागरिक को विदेशी आतंकवादी ने मारा जबकि जिस घर में एनकाउंटर हुआ था उस घर के मालिक को एक स्थानीय आतंकवादी ने क्रॉसफायर के दौरान गोली मार दी। एसआईटी ने कहा कि घर में छिपे आतंकवादी ने उनका इस्तेमाल मानव ढाल के तौर पर किया था। जम्मू और कश्मीर पुलिस की एक विशेष जांच टीम इस एनकाउंटर की जांच कर रही थी।
यहां आपको बता दें कि 15 नवंबर को श्रीनगर के हैदरपोरा में हुए इस एनकाउंटर में एक पाकिस्तानी आतंकवादी और तीन अन्य लोगों की मौत हुई थी। पुलिस ने दावा किया था कि मारे गए सभी लोगों का ताल्लुक आतंकवाद से था। मारे गए लोगों में से तीन लोगों के घरवालों ने हालांकि दावा किया था कि ये सभी निर्दोष थे और फर्जी मुठभेड़ के शिकार बन गये हैं। इसके बाद घाटी में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था। कहा गया था कि मरने वालों में एक मुद्दसीर गुल पेशे से डॉक्टर थे। विरोध प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस इस मामले की जांच कराने के लिए विवश हो गई थी।
एसआईटी के प्रमुख, डीआईजी सुजिथ के सिंह ने सुरक्षा बलों को क्लीन चिट दी है। हालांकि, उन्होंने कहा कि अगर इस मामले में आगे चलकर कुछ और भी नए तथ्य या सबूत सामने आते हैं तो टीम अपने निष्कर्षों की समीक्षा कर सकती है। इधर People’s Alliance for Gupkar Declaration (PAGD) ने कहा है कि पुलिस ने सिर्फ पुरानी कहानी को फिर से दोहराया है। इस चकित कर देने वाली घटना को लेकर कोई साफ तस्वीर पुलिस की तरफ से पेश नहीं की गई है। पीएजीडी ने इस मामले में न्यायिक जांच की मांग की है। इनका कहना है कि यहां कई लोगों का मानना है कि इस एनकाउंटर जो निर्दोष लोग मारे गए उनका इस्तेमाल पुलिस ने अपने मानव ढाल के तौर पर किया था।
डीआईजी ने बताया है, ‘हमारी जांच में खुलासा हुआ कि डॉक्टर मुद्दसिर गुल को बिल्डिंग के अंदर छिपे एक आतंकवादी ने मारा था। उनकी डेड बॉडी अटरी से मिली थी। लेकिन इस ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बल तो वहां तक गए ही नहीं थे। उन्होंने कहा कि जांच में यह भी पता चला है कि डॉक्टर गुल के कर्मचारी आमिर मागरे विदेशी आतंकवादी बिलाल भाई से काफी नजदीकी तौर पर जुड़ा हुआ था। बिल्डिंग के मालिक मोहम्मद अल्ताफ भट्ट और आमिर सुरक्षा बलों के साथ क्रॉस फायर में मारे गये हैं। विदेशी आतंकवादी ने इन्हें मानव ढाल बना लिया था। जुटाए गए सबूत यह बताते हैं कि गोली लगने के बाद भट्ट वहीं गिर गया। जबकि आमिर कुछ दूर तक आगे बढ़ता चला गया। इसलिए उसकी डेड बॉडी आतंकवादी की डेड बॉडी से आगे मिली।
अधिकारी ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स की जांच के अलावा 20 प्रत्यक्षदर्शियों से भी बातचीत की गई है। इनमें से 6 प्रत्यक्षदर्शियों के बयान अब तक मजिस्ट्रेट के सामने रिकॉर्ड कराए गए हैं। जब अधिकारी से यह पूछा गया कि आम नागरिक को बिल्डिंग के अंदर क्यों भेजा गया? तब उन्होंने कहा कि भट्ट खुद अंदर गए थे और वो इस बात को लेकर काफी निश्चिंत थे कि अंदर कोई नहीं है। उस वक्त किसी ने भी सुरक्षा बलों से नहीं कहा कि अंदर आतंकवादी हैं या उन्हें किसी तरह की मदद चाहिए।