छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 18 अक्टूबर 2022। स्पेन के दूतावास ने एक अजीबोगरीब फैसला करते हुए उन 21 भारतीय पहलवानों को वीजा देने से इनकार कर दिया, जिन्हें पोंटेवेदरा में अंडर-23 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में हिस्सा लेना था। राष्ट्रीय महासंघ ने सोमवार को बताया कि वीजा आवेदन केवल इसलिए खारिज कर दिया गया, क्योंकि उन्हें संदेह है कि खिलाड़ी वीजा अवधि समाप्त होने तक देश नहीं छोड़ेंगे। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने सोमवार से शुरू हुई चैंपियनशिप के लिए 30 सदस्यीय टीम चुनी थी, लेकिन केवल नौ खिलाड़ियों को ही वीजा दिया गया। जो भारतीय पहलवान चैंपियनशिप में भाग लेने से चूक गए उनमें अंडर 20 महिला विश्व चैंपियन अंतिम पंघाल भी शामिल है।
डब्ल्यूएफआई के सहायक सचिव विनोद तोमर ने कहा, ”हमने इस तरह की स्थिति का सामना पहले कभी नहीं किया था। भारत सरकार का मंजूरी पत्र और विश्व कुश्ती की संचालन संस्था यूडब्ल्यूडब्ल्यू का निमंत्रण पत्र दिखाने के बावजूद हमारे पहलवानों को तुच्छ आधार पर वीजा नहीं दिया गया। उन्होंने कहा, ”हमें आज शाम को नामंजूरी का पत्र मिला जब हमने जल्द से जल्द पासपोर्ट वापस करने का आग्रह किया था। यह वास्तव में अजीबोगरीब है। यह वास्तव में हमारी समझ से परे है कि अधिकारी इस नतीजे पर कैसे पहुंचे कि भारतीय पहलवान और कोच वापस भारत नहीं लौटेंगे।
डब्ल्यूएफआई ने अपने नौ कोच के लिए भी वीजा आवेदन किया था, लेकिन केवल छह को ही वीजा मिला। फ्रीस्टाइल के 10 पहलवानों में से केवल अमन (57 किग्रा) को वीजा मिला, जबकि नौ अन्य के आवेदन खारिज कर दिए गए। दिलचस्प बात यह है कि फ्रीस्टाइल के तीन कोच को वीजा दिया गया। छह ग्रीको रोमन पहलवान और महिलाओं में से केवल अंकुश (50 किग्रा) और मानसी (59 किग्रा) को ही वीजा मिला। तोमर ने कहा, ”अब हम एक पहलवान के लिए तीन कोच कैसे भेज सकते हैं, इसलिए हम जगमंदर सिंह को अमन के साथ भेज रहे हैं। छह ग्रीको रोमन पहलवान पहले ही स्पेन पहुंच चुके हैं और दो महिला पहलवान रविवार को रवाना हो गई हैं।”