फिर राजनीतिक गलियारे से लेकर सामाजिक लोगों के लिए थाना ही मंजिल बना
मो. साजिद खान/ छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
कोरिया 26 जुलाई 2022। एक बुजुर्ग के दिए गए वक्तव्य की वजह से रविवार को मनेन्द्रगढ़ थाने में तीन लोगों पर धारा 151 के तहत कार्यवाही हुई और बैकुंठपुर थाने में भी कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया तथा ब्राहमण समाज के लोगों ने बुजुर्ग के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को लेकर थाने में शिकायत की। बता दें यह बुजुर्ग कोई और नही बल्कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंदकुमार बघेल हैं।
बाबा समर्थकों को उनके विरोध ने पहुचायां थाने
ज्ञात हो कि शहर में दौरे पर आए मुख्यमंत्री भूपेेश बघेेल के पिता नंदकुमार बघेल नेे मनेन्द्रगढ़ रेस्ट हाउस में समाज के लोगों से तथा अन्य लोगों से भेंट मुलाकात की। जिसमे भरतपुर-सोनहत क्षेत्र के विधायक के साथ मनेन्द्रगढ़ नगर पालिका अध्यक्ष ने भी भेंट मुलाकात की। रविवार को रेस्ट हाउस में नंदकुमार बघेल ने मीडिया से सवालों के जवाब में कहा कि आधा अधूरा इस्तीफा न दे जिनको इस्तीफा देना है पूरा दें। उन्होने कहा कि हमारा कहना सरकार में रहना है तो पूरी तरह से रहें , नही तो छोड दें। अभी हाल ही में छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने खुद के प्रभार वाले पंचायत विभाग से खुद को विमुक्त कर लिया। समझ यह आया कि बघेल जी का इशारा भी इन्ही की तरफ रहा । जिसको लेकर मनेन्द्रगढ़ में टीएस बाबा समर्थकों ने काला झंडा दिखाना चाहा जो तत्काल पुलिस की गिरफ्त आ गए। इन तीन लोगों पर धारा 151 के तहत कार्यवाही हुई । दिन भर थानें में रखने के बाद तीनो को जमानत पर रिहा कर दिया गया। उधर बैकुंठपुर में भी नंद कुमार बघेल के पुतला दहन व काले झंडे को लेकर पुलिस ने बाबा समर्थकों थाने में बैठाया गया फिर छोड दिया गया।
ब्राहमण समाज ने की एफआईआर मांग
इसी तरह नंद कमार बघेल के द्वारा मीडिया में दिए गए वक्तव्य की वजह से ब्राहमण समाज ने भी थाने में ज्ञापन देकर इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की। बता दें कि रेस्ट हाउस मनेन्द्रगढ़ में नंद कुमार बघेल ने मीडिया से कहा कि कुर्मी अन्न पैदा करने का काम करते हैं। सारे कुर्मी की कहीं न कहीं भूमि से जुडे है। हम सारे कुर्मियों को संगठित कर उनका राज स्थापित करना चाहते हैं। और ब्राहमणों के लिए इन्होने कहा कि पंडित हमको अछूत मानते हैं और हमको पंडितों का पैर छूना पड़ता है छह हजार साल पहले पंडित यहां रूस और साइबेरिया से आए हैं। ये दूध नही पीते हैं बल्कि गाय का रस पीते हैं और गाय का रस पीने वालों से हम नफरत करते हैं। इसी निंदनीय बयानबाजी को लेकर ब्राहमण समाज ने रविवार को इनके ऊपर एफआईआर दर्ज करने की मांग की।