एनटीसीए का आंकड़ा है कि 2012 से 2018 के बीच छत्तीसगढ़ में 10 बाघों की खाल जब्त की गई थी
पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय लगातार वन्य प्राणियों का अवैध शिकार किया जाता था और गौ वंश की निर्मम हत्याये की जाती थी
*राष्ट्रीय पशु बाघ के संरक्षण के नाम पर करोडो रुपया डकारने ने बाद प्रदेश के 49 बाघों में से केवल 19 बाघ बचे*
*कमीशनखोर भाजपा जवाब दे राष्ट्रीय पशु और गौ वंश की निर्मम हत्या करवा कर कितना कमीशन कमाया*
*भाजपा की रमन सरकार बाघों की हत्यारी सरकार थी*
छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
रायपुर (पंकज गुप्ता) 29 जुलाई 2020 छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता विकास तिवारी ने पूर्ववर्ती भाजपा की रमन सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि राष्ट्रीय पशु बाघ का अवैध शिकार छत्तीसगढ़ राज्य में भाजपा राज मे अनवरत चल रहा था जिसके परिणामो का खुलासा कल दिल्ली से केंद्रीयमंत्री प्रकाश जावड़ेकर और केंद्रीय राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो ने किया है।राष्ट्रीय बाघ दिवस के एक दिन पूर्व केंद्र सरकार ने वर्ष 2018 तक राज्य वार बाघों की जनगणना का विवरण प्रस्तुत किया जिसमें बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में 49 घटकर मात्र 19 ही रह गए हैं।इससे स्पष्ट होता है कि भाजपा के रमन सरकार के संरक्षण में बाघों का अवैध शिकार कि खुली छूट बाघ के शिकारियों को थी और राष्ट्रीय पशु बाघ का शिकार उनके खाल,दांत और अन्य अंगों की तस्करी के लिये किया जाता था जिसका मूल्य अंतराष्ट्रीय बाजारों में करोड़ो रु होता है,अवैध शिकार के कारण तेजी से राष्ट्रीय पशु बाघों की संख्या छत्तीसगढ़ राज्य के वन क्षेत्रों से घटनी शुरू हो गई।अप्रैल 2018 में उदंती सीतानदी रिज़र्व में एक बाघ की खाल बरामद की गई और तब वह महकमे ने कहा दिया कि उसका शिकार ओडिसा में किया गया था।बाद में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण(एनटीसीए) ने अपनी जांच में पाया कि बाघ छत्तीसगढ़ के उदंती सीतानंदी रिसर्व का ही था और उसका शिकार इसी इलाके में हुआ था तब के जंगल महकमे को एनटीसीए ने फटकार भी लगाई थी। इसी तरह छत्तीसगढ़ के भोरमदेव इलाके में नवम्बर 2011 में एक बाघिन का शिकार किया गया।इसमें भी तब के वन महकमे ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के ही दबाव में लीपापोती की।तब यह सूचनाएं थीं कि भोरमदेव में बाघिन के शिकारी पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के ही करीबी थे। दरअसल रमन सरकार बाघों की हत्यारी सरकार थी।
कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के मुखिया डॉ रमन सिंह पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि 15 सालों में भाजपा सरकार हर वर्ष बाघ दिवस पर बड़े-बड़े विज्ञापन जारी करते थे और बाघ संरक्षण के नाम पर करोड़ों अरबों रुपया की योजना बनाकर मोटा कमीशन कमाने का काम किया करती थी। रमन सरकार के समय प्रदेश के जंगल में अवैध कटाई तेजी से चल रही थी और बाघों की अवैध शिकार भी लगातार पूर्ववर्ती रमन सरकार के संरक्षण में चल रहा था। केंद्र सरकार के रिपोर्ट में बताया गया है कि रमन सरकार के तत्कालीन वन अधिकारी 27 से अधिक बाघों की मौत का कारण बताने में अक्षम थे इससे स्पष्ट होता है कि छत्तीसगढ़ राज्य में राज राष्ट्रीय पशु बाघ की अवैध शिकार कर निर्मम हत्या की जाती थी जिस कारण पूर्ववर्ती रमन सरकार के अधिकारी 27 से अधिक बाघ कैसे मारे गये यह जानकारी केंद्र सरकार को नहीं बता सके।
कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और भारतीय जनता पार्टी से सवाल किया है कि प्रदेश में जहां एक और 49 बार घटकर 19 ही रह गए और 8000 से अधिक गोवंश की भूख में निर्मम हत्या कर उनके खाल चमड़ी से को बेचकर कितना कमीशन कमाया और इस बात की जानकारी प्रदेश की जनता जानना चाहती है क्या कारण थे कि 15 सालों में करोड़ों अरबों रुपए की राशि बाघ संरक्षण के नाम पर खर्च की जाती थी जिससे कि बाघों की संख्या बढ़ने के बजाय घटता गया।क्यो राष्ट्रीय पशु बाघ का लगातार अवैध शिकार भी रमन सरकार के संरक्षण में हुआ करता था इन सभी सवालों का जवाब प्रदेश की जनता जानना चाहती है।