राष्ट्रीय पोषण माह-डिजिटल जनआंदोलन : 01 से 30 सितम्बर 2020 तक

Chhattisgarh Reporter
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छत्तीसगढ़ रिपोर्टर

गरियाबंद, 06 सितम्बर 2020। गरियाबंद जिले में पोषण अभियान अंतर्गत राष्ट्रीय पोषण माह 2020 का आयोजन 01 सितम्बर से प्रारंभ है। उक्त आयोजन 30 सितम्बर 2020 तक किया जायेगा। बच्चो में व्याप्त कुपोषण, बालिकाओं एवं महिलाओं में व्याप्त एनीमिया को पूर्णतः समाप्त करने के उद्देश्य से आयोजित यह आयोजन कोविड-19 के संक्रमण से उद्भूत वैश्विक आपदा की स्थिति के कारण इस वर्ष राष्ट्रीय पोषण माह को अन्य माध्यमों के साथ यथा आवश्यकता डिजिटल जनआंदोलन के रूप में मनाया जा रहा है। जिला गरियाबंद में पोषण माह के दौरान सही पोषण-गरियाबंद रोशन की अवधारणा को मूर्त रूप देने हेतु सभी जनप्रतिनिधियों, त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों, नगरीय निकाय के प्रतिनिधियों क्षेत्रीय अमले एवं जनसमुदाय का सक्रिय सहयोग आवश्यक है।

जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्रीमती जगरानी एक्का से प्राप्त जानकारी अनुसार राष्ट्रीय पोषण माह 2020 का उद्देश्य गंभीर कुपोषित बच्चो की शीघ्र पहचान एवं उन्हें संदर्भित किया जाना है। बच्चो की उत्तरजीविता में सुधार हेतु बच्चो को स्तनपान के साथ साथ समय पर ऊपरी आहार दिया जाना एक महत्वपूर्ण रणनीति है। पोषण माह के दौरान शीघ्र स्तनपान एवं 06 माह तक संपूर्ण स्तनपान को बढ़ावा दिया जायेगा। पोषण माह के दौरान पौष्टिक सब्जियां, फलदार पौधों को घर की बाड़ियों/सामुदायिक बाड़ियों/खाली पड़ी भूमियों में रोपण करने के साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्रों, स्कूल भवनों, शासकीय भवनों में तथा नगरीय क्षेत्रों में घर की छतों पर पोषण वाटिका निर्माण के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा है। बच्चो में व्याप्त कुपोषण एवं एनीमिया को समाप्त करने के उद्देश्य से 01 सितम्बर से 05 सितम्बर तक पोषण अभियान कार्यक्रम के तहत नारा लेखन, गंभीर कुपोषित बच्चो का चिन्हांकन एवं प्रबंधन, गृहभेंट एवं परामर्श, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा टीएचआर वितरण के साथ पोषण संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है। पोषण माह अंतर्गत पंचायत एवं नगरीय निकाय के प्रतिनिधियों के साथ पोषण संवाद, पोषण माह में पुरूषो की सहभागिता विषय पर गतिविधियां, पोषण अभियान संबंधी पुस्तिका का डिजिटल विमोचन, कृमि मुक्तिदिवस का शुभारंभ, पोषण के 5 सुत्रों (सुनहरे 1000 दिन, पौष्टिक आहार, एनीमिया प्रबंधन, डायरिया प्रबंधन, स्वच्छता) पर वेबीनार, स्वास्थ्य केन्द्र पर एनीमिया परीक्षण, स्कूली छात्रो द्वरा निबंध, चित्रकारी, स्लोगन, रंगोली प्रतियोगिता का आॅनलाईन आयोजन, पोषण वाटिका का निर्माण, स्वास्थ्य, एवं स्वच्छता एवं पोषण दिवस, हाथ धुलाई, ओआरएस तैयार करना, डायरिया प्रबंधन व अन्य गतिविधियां की जाएगी। जिसके लिए त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। सभी के सक्रिय सहयोग, समन्वय एवं पूर्ण भागीदारी से कुपोषण मुक्त गरियाबंद की अवधारणा को साकार करने हेतु प्रयास किया जाएगा।

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