छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 13 मार्च 2022। रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को हाई लेवल मीटिंग बुलाई। इस दौरान यूक्रेन में जारी संघर्ष को देखते हुए भारत की सुरक्षा तैयारियों और मौजूदा वैश्विक परिदृश्य की समीक्षा की गई। जब से रूस ने यूक्रेन पर अपना सैन्य हमला शुरू किया है, तब से प्रधानमंत्री केंद्रीय मंत्रियों और सीनियर अधिकारियों के साथ कई उच्च-स्तरीय बैठकें कर चुके हैं। भारत ने युद्ध प्रभावित यूक्रेन में फंसे नागरिकों को वापस लाने के लिए ‘ऑपरेशन गंगा’ नाम से विशाल अभियान शुरू किया है। इन बैठकों में इस ऑपरेशन को लेकर विस्तार से बातचीत हुई है। रविवार की बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने हिस्सा लिया। मोदी ने दो युद्धरत राष्ट्रों के नेताओं- रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके यूक्रेनी समकक्ष वलोडिमिर जेलेंस्की के साथ भी बातचीत की है। मोदी ने दोनों नेताओ से रक्तपात और विनाश को समाप्त करने के लिए वार्ता और कूटनीति की वापसी की अपील की है।
रूस के आक्रमण पर भारत अपनी प्रतिक्रिया को लेकर सतर्क
भारत अब तक रूस के आक्रमण के प्रति अपनी प्रतिक्रिया को लेकर सतर्क रहा है। भारत संयुक्त राष्ट्र में मॉस्को के खिलाफ पारित प्रस्ताव से दूर रहा। इस बीच, भारत सरकार और पीएम मोदी को प्रशंसा मिली है। साथ ही पड़ोसी देशों के नेताओं ने यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों को भी सुरक्षित वापस लाने के लिए धन्यवाद दिया है।
सूमी से सुरक्षित निकाले गए 674 लोग शुक्रवार को भारत पहुंचे
उत्तर-पूर्वी यूक्रेन में युद्ध प्रभावित शहर सूमी से सुरक्षित बाहर निकाले गए छात्रों सहित 674 लोगों को लेकर तीन उड़ानें शुक्रवार को नई दिल्ली पहुंचीं। स्वदेश लौटे भारतीय नागरिक वहां के खौफनाक मंजर और युद्ध के दौरान दो हफ्ते तक अपनी जान बचाने को लेकर की गई कोशिशों को बयां करते हुए सहम गए। एअर इंडिया और इंडिगो की दो उड़ानें 461 लोगों के साथ सुबह पौने छह बजे और दोपहर 12 बज कर 20 मिनट पर इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर पहुंची। जबकि भारतीय वायुसेना की सी-17 विमान 213 यात्रियों के साथ दोपहर सवा बारह बजे हिंडन एयर बेस पर उतरा।