छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
पटना 30 नवंबर 2021। बिहार में शराब तस्करों पर लगाम लगाने के लिए मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इसके तहत विभाग ने हर जिले में 50 किमी की दूरी पर एक गश्ती दल लगाया है। यह गश्ती दल सड़क से लेकर नदियों तक शराब की तस्करी पर पैनी नजर रखेगा और इसके लिए ड्रोन की मदद ली जाएगी। इसके अलावा शराब पीने वालों की धर-पकड़ तेज करने के लिए विभाग ने उपयुक्त संख्या में ब्रेथ एनालाइजर की खरीद की निविदा निकाली है। इसे हर गश्तीदल को दिया जायेगा। वहीं गुप्त सूचना देने वालों को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हे इनाम दिया जायेगा। जिलों में छापेमारी और गश्ती के लिए गाड़ी और इंधन की व्यवस्था की जा रही है। एक अन्य कदम के रूप में नीतीश कुमार की सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय करने के बाद अब निजी क्षेत्र पर भी शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है। इसके तहत शराबियों को नौकरी नहीं देने का कदम उठाया जा सकता है।
सीएम नीतीश कुमार और उनके मंत्रिमंडल ने शराबबंदी पर ली थी शपथ
गौरतलब है कि 26 नवंबर को बिहार के सीएम नीतीश कुमार और उनके मंत्रिमंडल ने पटना के ज्ञान भवन में मौजूद अन्य लोगों के साथ शराब का सेवन नहीं करने की शपथ ली थी। इन्होंने शपथ ली कि वे न तो शराब का सेवन करेंगे और न ही इससे जुड़ी किसी भी गतिविधि में हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि महिलाओं की मांग पर यह कानून बनाया गया था। विधानसभा और विधान परिषद ने सर्व-सम्मति से इसका प्रस्ताव पारित किया है। शराबबंदी पर किसी भी तरह की कोताही को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
बिहार में हुई जहरीली शराब बनाने के ठिकानों पर छापेमारी
बिहार के एक्साइज कमिश्नर बी.कार्तिकेय धनजी ने बताया कि पिछले 10 दिन में पूरे राज्य में 19,175 छापेमारी की गई जिसमें लगभग 4,000 अभियोग दर्ज किए गए और 4,670 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि इसी क्रम में लगभग 1,70,000 बल्क लीटर शराब भी बरामद की गई और 400 वाहनों को जब्त किया गया है। साथ ही कहा कि जिन जगहों पर जहरीली शराब बनती है वहां लगातार छापेमारी की जा रही है और उन सब जगहों पर ड्रोन से निगरानी रखने की कार्रवाई भी की जाएगी।