छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
पटना 27 अक्टूबर 2021। बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान ब्लास्ट मामले में एनआईए की विशेष अदालत आज यानी बुधवार को फैसला सुनाएगी। आठ साल पहले आज के ही दिन वर्ष 2013 में (27 अक्तूबर) पटना के गांधी मैदान में पीएम मोदी की रैली में सीरियल ब्लास्ट हुए थे। इस धमाके में सात लोगों की जान चली गई थी और 90 लोग घायल हो गए थे। हालांकि इन धमाकों के बाबजूद रैली भी हुई और नरेंद्र मोदी ने इसे संबोधित भी किया था। इस मामले में इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के नौ संदिग्धों और स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के एक संदिग्ध को आरोपी बनाया गया था।
नाबालिग आरोपी हो चुके हैं बरी
आरोपियों की पहचान नुमान अंसारी, हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी, मोहम्मद मुजीबुल्लाह अंसारी, उमर सिद्दीकी, अजहरुद्दीन कुरैशी, अहमद हुसैन, फकरुद्दीन, मोहम्मद इफ्तेखार आलम और एक नाबालिग के रूप में हुई थी। वहीं नाबालिग आरोपी को 12 अक्तूबर, 2017 को किशोर न्याय बोर्ड ने कई विस्फोटों में शामिल होने का दोषी पाए जाने के बाद तीन साल की सजा सुनाई थी।
इंडियन मुजाहिद्दीन ने कराए थे धमाके
ये धमाके इंडियन मुजाहिद्दीन ने कराए थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए(NIA) को सौंपी गई थी। एनआईए ने इस मामले में 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। संभावना जताई जा रही है कि इस केस में सभी अभियुक्तों को दोषी ठहराया जा सकता है। बिहार पुलिस के मुताबिक रैली के दिन शहर में अलग-अलग जगह कुल 18 बम प्लांट किए गए थे। इनमें से पांच बम रेलवे स्टेशन परिसर में थे, जिसमें से एक फट था और एक को निष्क्रिय किया गया था। पुलिस को स्टेशन परिसर से तीन और बम भी मिले थे।